जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला के पास हुए भीषण ब्लास्ट पर गहरा दुख जताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है. इस ब्लास्ट में 13 लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हो गए थे. पार्टी ने नौगाम पुलिस स्टेशन पर हुए ब्लास्ट पर भी दुख जाहिर किया जिसमें नौ लोगों की दुखद मौत हो गई थी.
पार्टी की कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ऐसे समय में देश को संवाद, सहानुभूति और एकता के रास्ते पर चलना होगा. उन्होंने ज़ोर दिया कि न्याय की प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए और किसी निर्दोष को जांच के नाम पर प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए.
PDP ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की. बैठक के प्रस्ताव में याद दिलाया गया कि कोई भी विचारधारा या शिकायत निर्दोष लोगों की हत्या को उचित नहीं ठहरा सकती. पार्टी ने कहा कि हिंसा मानवता की आत्मा को घायल करती है.
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समाधान के लिए 'संवाद' आवश्यक
PDP ने एक पारदर्शी, ईमानदार और निष्पक्ष जांच की मांग की. पार्टी ने आगाह किया कि जांच के नाम पर किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाना चाहिए. पार्टी ने जोर दिया कि न्याय कभी भी गरिमा की कीमत पर नहीं आना चाहिए. उन्होंने कहा कि अतीत के दर्दनाक सबक, जहां बल और दबाव ने केवल अलगाव को गहरा किया, दोहराए नहीं जाने चाहिए.
युवाओं की भूमिका के बारे में महबूबा मुफ्ती ने कहा, "हमारे युवाओं को कश्मीर के लिए जीना चाहिए...उनके सपने और साहस ही हमारी मातृभूमि की सच्ची ताकत हैं. हमें उन्हें शांतिपूर्ण और समृद्ध कश्मीर का निर्माण करने के लिए चाहिए, न कि राजनीति या विचारधारा के नाम पर अपनी जान गंवाने के लिए."
PDP ने उन रिपोर्टों पर भी गहरी चिंता जताई है जिनमें कहा गया है कि शिक्षित और स्थापित युवा जांच के दायरे में हैं. पार्टी ने इसे एक पीड़ादायक क्षण बताया, जो सामूहिक आत्ममंथन की मांग करता है. पार्टी ने सवाल उठाया कि आखिर प्रतिभाशाली युवा निराशा और विनाश की ओर क्यों धकेले जा रहे हैं.
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पुराने घाव अभी तक भरे नहीं- मुफ्ती
उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर और देश के बीच बातचीत पूरी तरह टूट चुकी है, और 5 अगस्त 2019 के फैसलों के बाद पैदा हुए दर्द और आघात को भरने की कोशिश अभी तक नहीं हुई है. PDP ने भारत सरकार से आग्रह किया कि बढ़ते अलगाव को बल के बजाय संवेदनशीलता और करुणा के साथ संबोधित किया जाए.
महबूबा मुफ्ती ने कहा, "हमारे घाव दोष या प्रतिशोध से ठीक नहीं हो सकते. वे सहानुभूति, साहस और सच्चाई से ठीक होते हैं. संवाद कमजोरी नहीं है, यह ताकत की सर्वोच्च अभिव्यक्ति है."
अशरफ वानी