सेना और बॉर्डर सिक्युरिटी फ़ोर्स की कड़ी निगरानी और घातक जवाब के चलते आतंकियों के मंसूबे कमजोर हो गए हैं. सेना की सख्ती की बदौलत अब सीमा पार के आतंकियों के जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ पर लगाम लगी है. ये बातें गृह मंत्रालय की तरफ से जारी रिपोर्ट से जाहिर हुई हैं. गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर में पिछले 4 सालों में सीमा पार से आतंकी घुसपैठ में आई भारी गिरावट देखी गई है. गृह मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है कि पिछले साल 2020 में 99 बार घुसपैठ की कोशिश हुई जिसमें सिर्फ 51 आतंकी सीमापार से जम्मू कश्मीर में घुसपैठ कर सके.
वहीं, 2019 में 216 बार पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश की गई जिसमें 138 आतंकियों की घुसपैठ की आशंका जताई गई है. जम्मू कश्मीर में "ऑपरेशन आल आउट" चलने के बावजूद साल 2018 में 323 बार पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की तरफ से घुसपैठ की कोशिश की गई,जिसमें सुरक्षा बलों को आशंका है कि कुल 143 आतंकी भारतीय सीमा में घुसे थे.
साल 2017 में सबसे ज्यादा 406 बार पाकिस्तानी सेना और ISI की तरफ से आतंकी घुसपैठ की कोशिश कराई गई. गृह मंत्रालय की रिपोर्ट को माने तो इसमें 123 आतंकी घुसपैठ कर पाए थे. हालांकि बाद में कई आतंकी ढेर कर दिए गए. साल 2016 में 364 बार आतंकियों की घुसपैठ सीमापार पाकिस्तान की तरफ से हुई जिसमें सुरक्षा बलों की रिपोर्ट के अनुसार 112 आतंकी घुसपैठ में कामयाब हो सके.
खुफिया एजेंसियां इस बात की आशंका जता चुकी है कि कश्मीर के साथ-साथ जम्मू में भी आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है. हाल ही की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अब तक जम्मू कश्मीर में 8 अल बदर और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी घुसपैठ कर चुके हैं.
सूत्रों के मुताबिक इस साल जनवरी तक शोपियां, पुलवामा में कुछ लोकल रिक्रूटमेंट की खुफिया इनपुट मिले हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल 15 स्थानीय युवक आतंक की राह पर गए हैं जिनको सुरक्षा एजेंसियां अपने माध्यम से ट्रैक करने में जुटी हुई हैं.
जितेंद्र बहादुर सिंह