हरियाणा में आयुष्मान योजना पर संकट, स्वास्थ्य मंत्री बोलीं- अस्पतालों को जल्द होगा बकाए पैसे का भुगतान

हरियाणा के करीब 650 निजी अस्पतालों ने चेतावनी दी है कि यदि राज्य सरकार 500 करोड़ रुपये से अधिक के लंबित बकाये का भुगतान नहीं करती है, तो वे 7 अगस्त की आधी रात से इस योजना के तहत इलाज बंद कर देंगे.

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हरियाणा में निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना की सेवाएं रोकने की चेतावनी दी (File Photo: ITG) हरियाणा में निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना की सेवाएं रोकने की चेतावनी दी (File Photo: ITG)

कमलजीत संधू

  • चंडीगढ़,
  • 31 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 6:33 PM IST

हरियाणा में लाखों गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए संकट खड़ा हो गया है. आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कर रहे राज्य के 650 से अधिक निजी अस्पतालों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने 7 अगस्त तक ₹500 करोड़ से अधिक की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया, तो वे इस योजना के तहत इलाज देना बंद कर देंगे.

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हालांकि राज्य की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने कहा है किसभी अस्पतालों के बकाये का जल्द से जल्द भुगतान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.  

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की हरियाणा इकाई ने इस स्थिति को योजना के प्रशासन में एक गंभीर गड़बड़ी बताया है. जानकारी के अनुसार, अप्रैल से अब तक अस्पतालों को उनके बिल की गई राशि का केवल 10-15% ही मिला है, जिससे उन्हें गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है.

IMA हरियाणा का बयान

IMA हरियाणा के डॉ. महावीर जैन ने बताया, "आयुष्मान कार्ड लगभग 5 लाख लोगों को जारी किए गए थे, और हरियाणा में 600 से अधिक निजी अस्पताल इस योजना के तहत पैनल में हैं. लाभार्थियों को मुफ्त इलाज मिलता है, और अस्पतालों को सरकार द्वारा भुगतान किया जाता है. जनवरी में, सरकार के साथ हमारी बैठक के बाद, कुछ भुगतान जारी किए गए थे. लेकिन मार्च से कुछ भी नहीं आया है. 500 करोड़ रुपये अभी भी लंबित हैं. बिना भुगतान के अस्पताल कैसे काम जारी रख सकते हैं? हमने 2,000 करोड़ रुपये के बजट आवंटन का अनुरोध किया था, लेकिन सरकार ने केवल 800 करोड़ रुपये आवंटित किए - जो इस योजना को बनाए रखने के लिए बहुत कम है."

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IMA ने औपचारिक रूप से सूचित किया है कि यदि 15 जुलाई तक के भुगतान और अन्य प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं किया जाता है, तो सभी पैनलबद्ध अस्पताल 7 अगस्त से आयुष्मान सेवाएं बंद कर देंगे. IMA ने चेतावनी दी, "अगर ऐसा होता है, तो गरीब मरीजों को होने वाली किसी भी असुविधा की जिम्मेदारी पूरी तरह से हरियाणा सरकार की होगी."

IMA पंचकूला के सचिव डॉ. कुलदीप मंगला ने कहा, "यह योजना एक धर्मार्थ पहल मानी जाती है - हम मोदी जी के दृष्टिकोण का सम्मान करते हैं. छोटे अस्पतालों ने इसमें विश्वास किया और शामिल हुए. लेकिन हमें छह महीने तक भुगतान में देरी का सामना करना पड़ा है, खासकर मार्च से. बिलों में अनुचित कटौती हो रही है. हमारी शिकायतों को नजरअंदाज किया जा रहा है."

मरीज बोले- हमें होगी परेशानी

आयुष्मान लाभार्थी अभिषेक ने कहा, "आयुष्मान मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए बहुत बड़ी मदद है. हम इसे 8 महीने से उपयोग कर रहे हैं. इसके बिना, निजी इलाज महंगा है. अगर हमें अपनी जेब से भुगतान करना पड़ा, तो हम परेशान होंगे."

अपनी पत्नी का इलाज करा रहे अंकुश ने कहा, "हम परेशान होंगे. यह सिर्फ हम नहीं हैं - लाखों परिवार इस पर निर्भर हैं." उनकी पत्नी और मरीज उमा ने कहा, "मेरे दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए थे, और मुझे इस योजना के कारण ही मुफ्त इलाज मिला. इसे जारी रहना चाहिए - गरीब लोगों के पास कोई और विकल्प नहीं है."

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सरकार बोली- जल्द होगा बकाया भुगतान

हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा, "हम सभी अस्पतालों के बकाये का जल्द से जल्द भुगतान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. भुगतान जारी करने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं."

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