करनाल में डटे किसान, अनिल विज बोले- किसी के कहने से फांसी पर तो नहीं चढ़ा देंगे

किसानों की मांग है कि किसानों पर लाठी चार्ज का आदेश देने वाले SDM आयुष सिन्हा को तत्काल सस्पेंड किया और उनपर हत्या की धाराएं लगाई जाए, क्योंकि लाठी चार्ज में किसान सुशील काजल की मौत हो गई थी. किसानों की मांग है कि मृतक सुशील काजल के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए और उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए. 

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करनाल में किसानों का प्रदर्शन जारी है (फोटो- पीटीआई) करनाल में किसानों का प्रदर्शन जारी है (फोटो- पीटीआई)

aajtak.in

  • करनाल,
  • 09 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST
  • करनाल में 48 घंटे से ज्यादा समय से डटे किसान
  • न प्रशासन मांगें मान रहा, न किसान पीछे हट रहे
  • किसी के कहने पर फांसी नहीं दे देंगे-विज

किसानों के प्रदर्शन का केंद्र पिछले दो दिनों से हरियाणा का करनाल शिफ्ट हो गया है. किसान करनाल में लघु सचिवालय के सामने पिछले 48 घंटों से भी ज्यादा समय से धरने पर बैठे हैं और पिछले महीने किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले SDM आयुष सिन्हा के खिलाफ एक्शन की मांग कर रहे हैं. वहीं हरियाणा के गृह मंत्री अनिज विज ने कहा है कि जांच के बाद ही कोई भी कार्रवाई की जाएगी, किसी के कहने पर किसी को फांसी नहीं चढ़ा देंगे.

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प्रदर्शनकारी किसानों की क्या है मांगें

1-किसानों की मांग है कि किसानों पर लाठी चार्ज का आदेश देने वाले SDM आयुष सिन्हा को तत्काल सस्पेंड किया और उनपर हत्या की धाराएं लगाई जाए, क्योंकि लाठी चार्ज में किसान सुशील काजल की मौत हो गई थी.  

2-किसानों की मांग है कि मृतक सुशील काजल के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए और उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए. 

3-लाठीचार्ज में घायल किसानों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. 

SDM आयुष सिन्हा का एक और बयान काफी चर्चा में आया था जहां वो पुलिसकर्मियों को कह रहे थे कि यह बहुत सिंपल और स्पष्ट है. कोई कहीं से हो, उसके आगे नहीं जाएगा. अगर जाता है तो लाठी से उसका सिर फोड़ देना. कोई निर्देश की जरूरत नहीं है.

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28 अगस्त को क्या हुआ था 

हरियाणा के करनाल में 28 अगस्त को बीजेपी का एक कार्यक्रम चल रहा था. इसी दिन किसान यहां पर प्रदर्शन भी कर रहे थे. प्रदर्शनकारी किसान बीजेपी के कार्यक्रम स्थल तक जाना चाहते थे, उन्हें रोकने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी थी. इस दौरान लगभग 10 किसान घायल हो गए थे. किसानों का दावा है कि पुलिस लाठी चार्ज के दौरान चोट लगने से उनकी मौत हो गई थी. 

कई राउंड की वार्ता बेनतीजा

बता दें कि इस मसले पर किसानों और सरकारी अफसरों के बीच दो-तीन राउंड की वार्ता हुई है. लेकिन ये वार्ता किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. सरकारी प्रतिनिधियों का कहना है कि किसान बिना जांच के कार्रवाई चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं किया जा सकता है. 

किसी के कहने पर फांसी नहीं चढ़ा सकते

वहीं इस मुद्दे पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि हम निष्पक्ष जांच कराने को तैयार हैं और करनाल एपिसोड की जांच हुई तो अधिकारी , किसान या किसान नेता, जो भी दोषी हुए उन पर सख्त कार्रवाई भी होगी. लेकिन उन्होंने ये भी स्पष्ट कर दिया कि किसी के कहने पर किसी को फांसी नहीं चढ़ा सकते. विज ने कहा कि किसानों की सिर्फ जायज मांग ही मानी जाएगी. इस बीच प्रशासन ने पूरे करनाल में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं गुरुवार रात 23.59 बजे तक के लिए निलंबित कर दी है. (इनपुट-कमलप्रीत सभरवाल)

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