हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसके साथ ही, परिवार की इच्छा के अनुसार किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी प्रदान की जाएगी.
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि राज्य सरकार शहीद के परिवार के साथ हर कदम पर खड़ी है और इस दुःख की घड़ी में हर संभव मदद प्रदान करेगी. उन्होंने कहा, "लेफ्टिनेंट विनय नरवाल ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया है. उनका बलिदान कभी भुलाया नहीं जाएगा. सरकार उनकी शहादत को नमन करती है और उनके परिवार को हर प्रकार से समर्थन देगी."
हाल ही में हुई थी शादी
26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, करनाल जिले के रहने वाले थे. वह हाल ही में शादी के बंधन में बंधे थे और अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून मनाने के लिए जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम गए थे. लेकिन किसे पता था कि यह खूबसूरत यात्रा एक दर्दनाक त्रासदी में बदल जाएगी. 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में नरवाल समेत 26 लोग मारे गए.
शहीद लेफ्टिनेंट के अंतिम संस्कार का आयोजन 23 अप्रैल को उनके पैतृक गांव करनाल में किया गया. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं वहां पहुंचे और पुष्पांजलि अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी. सैनी ने इस दौरान आतंकवादियों की कायराना हरकत की कड़ी निंदा भी की और कहा कि आतंकवाद का समूल नाश किया जाएगा.
नरवाल के पिता सरकारी कर्मचारी
विनय नरवाल के परिवार में उनके पिता राजेश, जो एक सरकारी कर्मचारी हैं, मां जो गृहिणी हैं और एक छोटी बहन है जो पढ़ाई कर रही है. अपने बेटे के शहीद होने की खबर ने पूरे परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया है. गांव और आस-पास के इलाकों में भी शोक की लहर दौड़ गई है. हजारों लोगों ने उनके अंतिम संस्कार में भाग लेकर अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई दी.
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, "लेफ्टिनेंट विनय नरवाल ने देश की रक्षा में जो सर्वोच्च बलिदान दिया है, वह हम सभी के लिए गर्व का विषय है. उनका अदम्य साहस और राष्ट्रभक्ति हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी. राज्य सरकार उनकी शहादत का सम्मान करते हुए परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करेगी."
उन्होंने आगे कहा कि शहीद के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता तत्काल प्रदान की जाएगी और उनकी इच्छा के अनुसार परिवार के किसी एक सदस्य को राज्य सरकार में नौकरी दी जाएगी ताकि परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहे.
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