हरियाणा के पानीपत के नौल्था गांव से निकली यह कहानी सन्न कर देने वाली है. इस वारदात ने लोगों को भीतर तक हिला दिया. एक पढ़ी-लिखी, शांत और साधारण दिखने वाली महिला, जिसने दो साल में चार मासूम बच्चों की जान ले ली… जिनमें उसका अपना तीन साल का बेटा भी शामिल है. लोग कहते हैं कि वो अकेली रहती थी, समझदार लगती थी… ऐसे कैसे कर सकती है? लेकिन पुलिस की जांच, उसके कबूलनामे और घटनाओं का सिलसिला एक ऐसी कहानी की ओर इशारा करता है, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा.
यह कहानी है 32 साल की पूनम की. MA, B.Ed पास, स्मार्ट, शांत और कम बोलने वाली महिला की, जो धीरे-धीरे एक साइको किलर बनती चली गई. पुलिस पूछताछ में पूनम ने वह बात स्वीकार की, जिसने जांच अधिकारियों को भी हैरान कर दिया. उसने कहा कि जो सुंदर बच्चियां हैं… उनसे नफरत हो जाती थी.
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यह नफरत कब जन्मी, कैसे बढ़ी, इसका कोई संकेत नहीं. उसके परिवार वाले कहते हैं कि वह पूरी तरह सामान्य थी, मानसिक बीमारी जैसी कोई बात कभी नजर नहीं आई. पड़ोसी कहते हैं कि कम बोलती थी, शिक्षित और समझदार लगती थी. लेकिन इसी खामोशी के भीतर किसी कालिख की तरह एक अवसाद, एक खौफनाक ईर्ष्या और एक हिंसक जुनून पल रहा था.
पूनम की 2019 में शादी हुई. 2021 में बेटा हुआ- नाम रखा गया शुभम. पूरा परिवार खुश था. लेकिन यह खुशी ज्यादा वक्त नहीं टिक सकी. उसके पति का वॉशिंग सर्विस सेंटर है. सास–ससुर के साथ पूनम का मनमुटाव रहता. 13 जनवरी 2023 को जब उसकी ननद पिंकी अपने मायके आई थी, उसकी 11 साल की बेटी इशिका भी थी. उस दिन घर में चहल-पहल थी, बच्चों की खिलखिलाहट थी. कोई नहीं जानता था कि पूनम उस लड़की को कितनी देर से देख रही है, कितनी देर से उसके मन में कोई अजीब-सी बेचैनी है. मौका मिलते ही उसने इशिका को अकेला पाया और उसे पानी के हौद में डुबो दिया.
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हत्या की वारदात को छिपाने के लिए उसने अपने ही तीन साल के बेटे शुभम को भी मार डाला. किसी भी मां के लिए अपने बच्चे को खोना दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदी है, लेकिन यहां एक मां ने जानबूझकर अपने बच्चे को खोया, सिर्फ इसलिए ताकि उसका पहला अपराध छिपा रह सके. परिवार ने उसकी कहानी पर भरोसा कर लिया. किसे शक हो सकता था कि एक मां अपने बच्चे को खुद मार सकती है?
दोनों को परिवार ने हादसा माना. लेकिन अब पुलिस जांच में स्पष्ट हो गया है कि यह भी हादसे नहीं थे. शुभम, पूनम का ही बेटा था. पुलिस पूछताछ में उसने यह बात भी स्वीकार की है कि परिवार को शक न हो इसलिए अपने बेटे को भी मार दिया. एक मां अपने बच्चे को मार दे, यह सुनकर जांच अधिकारी भी सन्न रह गए.
फिर आया 18 अगस्त 2025. पूनम अपने मायके सिवाह गई हुई थी. रात का सन्नाटा, एक बच्ची नींद में थी. पूनम ने उसे उठाया, पशुओं के बाड़े की तरफ ले गई और पानी में डुबो दिया. ताऊ को शक हुआ तो उसकी मां ने कह दिया- ऐसे आरोप मत लगाओ. किसे अंदाजा था कि यही इनकार एक और बच्ची की मौत पर परदा डाल देगा?
और फिर 1 दिसंबर 2025... वह दिन, जिसने पूरी कहानी का सच सामने ला दिया. विधि, सिर्फ छह साल की थी. परिवार शादी में व्यस्त था. इसी शोर-गुल में पूनम उसके पीछे गई, स्टोर रूम तक. टब में पानी भरा था. उसने बच्ची को बेरहमी से डुबोया कि कुछ ही देर में सब खत्म हो गया. लेकिन इस बार उसकी कहानी सामने आनी थी. पुलिस को संदेह हुआ. पूछताछ हुई और भीतर दबे सारे राज एक-एक कर बाहर आने लगे. हर वारदात, हर बच्ची, हर सुराग… सब सामने आ गया.
पूनम की वही जेठानी, जिसकी बेटी विधि को उसने मार डाला, वही अब पूनम के दो साल के बेटे को गोद में लिए उसे दूध पिला रही है. एक मां ने दूसरी मां से उसकी बेटी छीन ली, लेकिन दूसरी मां आज भी उसके बेटे को संभाल रही है. एक मां के भीतर इतना जहर, और दूसरी के भीतर इतनी ममता है.
पूनम की मां ने क्या कहा?
उधर पूनम की मां सुनीता देवी बार-बार यही कह रही हैं कि उनकी बेटी शादी से पहले बिल्कुल सामान्य थी. अगर उसे कोई बीमारी होती तो हम इलाज करवाते. उसने पहले कभी किसी बच्चे को चोट नहीं पहुंचाई. मुझे समझ नहीं आता, शादी के बाद ऐसा क्या हुआ कि वह मेरी वही बेटी नहीं रही. पूनम के जेठ संदीप ने कहा कि कई बार वह ऐसे बोलती थी जैसे अचानक उसके भीतर कोई और आ गया हो. एक बार तो उसने विधि के चेहरे पर गर्म चाय फेंकी थी. पानीपत पुलिस के मुताबिक, पूनम एक साइकोपैथ है, जिसके भीतर सुंदर बच्चों के प्रति अजीब-सी घृणा पनप चुकी थी.
पूनम के पति नवीन ने क्या कहा
बावर गांव में मीडिया से बात करते हुए नवीन ने कहा कि साल 2019 में हमारी शादी हुई थी. वो समझदार थी. कभी कोई गड़बड़ी नजर नहीं आई. अगर उसने ये सब किया है, तो उसे वैसी ही सजा मिलनी चाहिए, जैसे उसने इन बच्चों को मारा है. विधि के दादा पाल सिंह ने कहा कि अब समझ आता है… एक बार उसने विधि पर गरम चाय गिराने की कोशिश की थी. तब लगा था गलती से हुआ होगा. लेकिन यह गलती नहीं थी.
विधि के दादा ने बताया कि पूनम का दो साल का बच्चा अब विधि की मां संभाल रही है. खुद अपने बच्चे को वह गंवा चुकी है. नौल्था और सिवाह दोनों गांव में ग्रामीणों का कहना था कि वह पढ़ी-लिखी थी. खुद से मतलब रहती थी. ज्यादा मेल-जोल नहीं था. घटना को लेकर SP भूपेंद्र सिंह ने कहा कि उसके व्यवहार में सायकोपैथ जैसी टेंडेंसी नजर आ रही है. फिलहाल पूरे मामले को लेकर जांच चल रही है.
पवन राठी / सुरेंदर सिंह