दिल्ली से 2 अक्टूबर 2024 को आधिकारिक तौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून विदा हो चुका है. हालांकि, हर साल 25 सितंबर के आसपास दिल्ली से मॉनसून लौट जाता है, लेकिन इस साल मॉनसून से की विदाई देरी से हुई है. मौसम विभाग की मानें तो देश की राजधानी में इस साल का मॉनसून सीजन असाधारण से कम नहीं रहा है. इस साल दिल्ली ने हाल के इतिहास में अपने सबसे गीले मॉनसून का अनुभव किया है.
इस साल हुई रिकॉर्ड बारिश और औसत से अधिक रहा मॉनसून
दिल्ली की सफदरजंग वेधशाला में मॉनसून के मौसम में कुल 1,029.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो 640.4 मिमी के दीर्घकालिक औसत से काफी अधिक है. दरअसल, दिल्ली में साल 1901 के बाद इस बार का मॉनसून 7वां सबसे अधिक लंबे समय तक सक्रिय रहने वाला मॉनसून सीजन रहा है. इस दौरान दिल्ली में 39 बारिश के दिन देखे गए, जो सामान्य तौर पर 30.2 दिनों से ज्यादा है.
दिल्ली में मॉनसून के सीजन में अच्छी बारिश दर्ज की गई है. जून में 229% भारी बारिश हुई, यानी पूरे मॉनसून सीजन की सबसे ज्यादा बारिश जून में हुई है. वहीं जुलाई में 6% की मामूली कमी के बावजूद, अगस्त और सितंबर में खूब बारिश हुई है. अगस्त में 67% दर्ज की गई. जबकि सितंबर में 56% वर्षा हुई है.
दिल्ली में 2024 का मॉनसून सीजन 61% बारिश के साथ समाप्त हुआ, यह आंकड़ा बारिश की तीव्रता और अवधि को दर्शाता है. हालांकि इस साल की बारिश प्रभावशाली रही, लेकिन यह अभी भी 2021 के मॉनसून से कम है, जिसमें कुल मौसमी बारिश 1,176.4 मिमी दर्ज की गई थी, जो 1964 के बाद सबसे अधिक थी. दिल्ली में एक सीजन में सबसे ज्यादा बारिश का सर्वकालिक रिकॉर्ड 1,421.6 मिमी है, जो 1933 में बना था.
मॉनसून के लौटने के बाद अब दिल्ली के् तापमान में वृद्धि होने की उम्मीद है. 2 अक्टूबर को दिल्ली में 2014 के बाद से सबसे गर्म अक्टूबर का दिन दर्ज किया गया. इस दौरान अधिकतम तापमान 37.2 डिग्री सेल्सियस रहा. वहीं वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) भी चिंता का विषय बन गया है, जो 2 अक्टूबर को 174 पर रहा, इसे मध्यम श्रेणी में रखा गया. दिल्ली का बढ़ता एयर क्वालिटी इंडेक्स प्रदूषण के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
कुमार कुणाल