राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तमाम उपायों के बाद भी प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. दिल्ली के कुछ इलाकों में वायु प्रदूषण सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया है. वहीं, दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम में भी सांसों पर संकट बढ़ता जा रहा है.
दिवाली के बाद से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार चला गया है, जो गंभीर श्रेणी में आता है. वहीं, लोधी रोड, ITO और इंडिया गेट जैसे इलाकों में भी हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, आज (गुरुवार) 30 अक्टूबर को आनंद विहार इलाके में AQI 409 पहुंच गया जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है. वहीं, लोधी रोड इलाके में भी AQI 325 दर्ज किया गया है, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में है. इसके अलावा इंडिया गेट इलाके में भी हवा की गुणवत्ता 319 AQI के साथ 'बेहद खराब' श्रेणी में रिकॉर्ड की गई है.
प्रदूषण के कारण आसमान में धुंध और धुंए की चादर देखने को मिल रही है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत का भी सामना कर पड़ रहा है. एहतियात के तौर पर लोगें को घर से बाहर निकलते वक्त मास्क लगाने की सलाह दी गई है.प्रदूषण नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है.
इससे पहले, बुधवार को कुछ राहत के साथ दिल्ली का औसतन AQI 273 दर्ज किया गया था, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है. वहीं, एक दिन पहले मंगलवार को एक्यूआई 305 रहा था. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए GRAP की पाबंदियां लगाई जाती हैं. दिल्ली में फिलहाल GRAP के स्टेज 1 और 2 की पाबंदियां लागू हैं.
बता दें कि अगर किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है तो AQI ‘अच्छा’ माना जाता है. 51 से 100 AQI होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’ माना जाता है. वहीं, AQI 201 से 300 के बीच ‘खराब’ और 301 से 400 के बीच AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में माना जाता है. इसके इलावा 401 से 500 के बीच AQI होने पर ‘गंभीर’ स्थिति होती है.
वायु प्रदूषण के असर को कम करने के लिए अहम कदम
बता दें कि भारत में वायु प्रदूषण के असर को कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न स्तर पर प्रयास कर रही हैं. ये कदम मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP), ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP), इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा, पराली प्रबंधन पर केंद्रित हैं. दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने पर एमसीडी की ओर से विभिन्न इलाकों में पानी का छिड़काव किया जा रहा है.
प्रदूषण नियंत्रण के लिए GRAP 2 लागू
दिल्ली-एनसीआर की बिगड़ती एयर क्वालिटी को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) की ओर से पहले ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी GRAP-2 लागू है. CAQM के मुताबिक, GRAP को चार कैटेगरी में लागू किया जाता है.
GRAP के स्टेज 2 में क्या होता है?
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