'सड़क हादसों के लिए पैदल चलने वाले लोग भी जिम्मेदार', पढ़ें दिल्ली की कोर्ट की अहम टिप्पणी

साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एएसजे डी सिंह ने सात साल पहले सड़क दुर्घटना में हुई मौत के मामले में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश को पलटते हुए आरोपी वाहन चालक को बरी कर दिया. साथ ही कोर्ट ने कहा कि कई बार वाहन चालक के साथ साथ पैदल चलने वाले लोग भी सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार होते हैं.

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साकेत कोर्ट ने 7 साल पुराने केस के आरोपी को बरी किया (प्रतिकात्मक तस्वीर) साकेत कोर्ट ने 7 साल पुराने केस के आरोपी को बरी किया (प्रतिकात्मक तस्वीर)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:07 AM IST

सड़क हादसे के लिए सिर्फ वाहन चालक ही नहीं, कई बार पैदल चलने वाले लोग भी जिम्मेदार होते हैं. हर बार हादसे में गलती और जिम्मेदारी वाहन चालक की ही नहीं होती. दक्षिण दिल्ली की साकेत जिला कोर्ट ने एक मुकदमे का फैसला सुनाते वक्त यह तथ्य भी शामिल किया है कि यातायात नियमों का उल्लंघन पैदल यात्री भी करते हैं. सड़क हादसों की बढ़ती तादाद के पीछे ऐसे पैदल चल रहे लापरवाह लोग भी जिम्मेदार हैं. 

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साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एएसजे डी सिंह ने सात साल पहले सड़क दुर्घटना में हुई मौत के मामले में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश को पलटते हुए आरोपी वाहन चालक को बरी कर दिया. अदालत ने तथ्यों, गवाहों के बयान और सबूत के आधार पर फैसला दिया कि पैदल चल रहा आदमी अपनी हड़बड़ी की वजह से मारा गया. हालांकि एम्स ट्रॉमा सेंटर की चिकित्सा जांच रिपोर्ट में उसे आई चोट और जख्म का भी जिक्र है. इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी वाहन से टक्कर लगने की पुष्टि हुई थी. लेकिन अदालत में किसी भी चश्मदीद गवाह ने तेज रफ्तार वाहन चालक पर लापरवाही बरतने के आरोप की तस्दीक नहीं की. 

दरअसल, मामला 2015 का है. जिसमें दक्षिण दिल्ली के संगम विहार इलाके में सड़क पार कर रहा व्यक्ति कार की चपेट में आ गया था. घायल को तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर के जाया गया. लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मामले में विशेषज्ञों की सलाह का भी हवाला दिया गया है, जिसमें साफ कहा है कि सड़क पर चलते समय पूरे ध्यान से और अतिरिक्त सावधानी बरतें. मोबाइल, ईयर फोन आदि लगाकर ना चलें, जहां फुटपाथ न हो या सही न हो तो ट्रैफिक की दिशा में मुंह रखते हुए ही चलें. जेबरा क्रॉसिंग पर ही सड़क पार करें. लाल बत्ती हो तभी सड़क पार करें. सड़क पार करते समय हड़बड़ाहट जानलेवा हो सकती है. जान न भी जाए तो आप बुरी तरह घायल हो सकते हैं.

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सड़क हादसों में पैदल चलने वालों की अधिक मौतें- रिपोर्ट

हाल ही में दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने ‘दिल्ली रोड क्रैश रिपोर्ट- 2021' जारी की थी. रिपोर्ट के मुताबिक दो चार या अधिक पहियों वाले वाहनों की चपेट में आने से सर्वाधिक (41.15) फीसदी मौतें पैदल चलने वालों की हुई हैं. दूसरे नंबर पर दोपहिया वाहन चालकों की मौत है. दोपहिया वाहन चालकों की मौत का प्रतिशत 38.1 फीसद है.
रिपोर्ट के मुताबिक दिन के मुकाबले रात में ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं. 

रात में पैदल यात्री अधिक दुर्घटना के शिकार

दिन में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 561 लोगों की मौत हुई जबकि रात में हुए सड़क हादसों में 645 लोगों ने जान गंवाई. रात में 1382 लोग सड़क हादसे का शिकार होकर बुरी तरह घायल हुए तो दिन में घायल होनेवालों की तादाद 2098 है. रिपोर्ट के मुताबिक रात में पैदल यात्री ज्यादा सड़क दु्घटना का शिकार होते हैं. दिन और रात को मिलाकर कुल हुए हादसों में से 346 मौतें सिर्फ युवाओं की हुई है. सड़क हादसों में मरनेवालों की उम्र 19 से 30 वर्ष थी.  उनमें 18 युवतियां थीं. 

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