अयोग्य करार दिए गए MLA कपिल मिश्रा पहुंचे दिल्ली हाईकोर्ट, स्पीकर के फैसले को दी चुनौती

कपिल मिश्रा ने दिल्ली विधानसभा से सदस्यता रद्द करने के स्पीकर के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इसमें उन्होंने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और गाइड लाइंस का उल्लंघन किया और सुनवाई का मौका नहीं दिया.

Advertisement
MLA कपिल मिश्रा (फाइल फोटो) MLA कपिल मिश्रा (फाइल फोटो)

सुशांत मेहरा

  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 4:26 PM IST

आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने दिल्ली विधानसभा से सदस्यता रद्द करने के स्पीकर के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. जिस पर कोर्ट में कपिल मिश्रा की तरफ से कहा गया है कि दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष महोदय ने 'लॉ ऑफ नेचुरल जस्टिस' के खिलाफ जाकर निर्णय सुनाया. एक असंवैधानिक याचिका पर सुनवाई करके अध्यक्ष ने अपनी संवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग किया.

Advertisement

वहीं, कपिल मिश्रा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और गाइडलाइंस का उल्लंघन किया और विधानसभा अध्यक्ष ने सुनवाई के मौका नहीं दिया. यहां तक कि क्रॉस एक्जामिनेशन और गवाह को तथ्य रखने का मौका नहीं दिया गया.

मिश्रा के वकील ने कहा कि 27 जनवरी को जिस तारीख से विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यता रद्द करने का निर्णय दिया, उसके बाद दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र भी हुआ था जिसमें कपिल मिश्रा ने विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा भी लिया. सदन में सरकार को गिराने और व्हिप का उल्लंघन करने की कोई नीयत नहीं दिखाई गई. इसलिए विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को निरस्त कर दिया जाए.

जिसका विरोध करते हुए स्पीकर के वकील सुधीर नंदन ने कहा कि कपिल मिश्रा के आरोप गलत हैं. हमने नोटिस दिया था और साथ ही क‌ई मौके दिए, लेकिन उन्होंने रिप्लाई फाइल नहीं किया. हमने बल्कि क‌ई एप्लिकेशन लगाए और शिकायतकर्ता ( सौरव भारद्वाज ) का क्रॉस एग्जामिनेशन करने की मांग की.

Advertisement

स्पीकर को 1 जुलाई को शिकायत मिली थी. 10 जुलाई को हमने नोटिस भेजा था. 17 जुलाई को मिश्रा ने एप्लिकेशन लगाई उसके बाद मिश्रा को 23 जुलाई को क्रॉस एग्जामिनेशन के लिए बुलाया गया पर कोई नहीं आया. इसके बाद एक बार फिर 26 जुलाई को मौका दिया गया.

बचाव पक्ष के वकील की बात सुनने के बाद जज विभू भाखरू ने कपिल मिश्रा के मामले में अपने आरोपों को लेकर एफिडेविट फाइल करने के लिए कहा है. ये एफिडेविट दो हफ्ते में फाइल करना होगा. अगली सुनवाई अब 4 सितंबर को होगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement