दिल्ली विधानसभा में AAP और बीजेपी विधायकों में तीखी बहस, विजेंद्र गुप्ता किए गए मार्शल आउट

बस मार्शलों को हटाने के मुद्दे पर सत्तारूढ़ आप और विपक्षी भाजपा विधायकों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल देखने को मिला. इस दौरान बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने महिला सुरक्षा के मुद्दे को भी उठाया. उन्होंने राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट का मुद्दा उठा. विधानसभा अध्यक्ष और विजेंद्र गुप्ता के बीच बहस भी हुई, जिसके बाद उनको मार्शल आउट कर दिया गया.

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बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता (फाइल फोटो) बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता (फाइल फोटो)

सुशांत मेहरा

  • नई दिल्ली,
  • 29 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:34 PM IST

दिल्ली विधानसभा के पांच साल के कार्यकाल के आखिरी सत्र के पहले दिन शुक्रवार को बस मार्शलों को हटाने के मुद्दे पर सत्तारूढ़ आप और विपक्षी भाजपा विधायकों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल देखने को मिला. इस दौरान बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने महिला सुरक्षा के मुद्दे को भी उठाया. उन्होंने राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट का मुद्दा उठा. विधानसभा अध्यक्ष और विजेंद्र गुप्ता के बीच बहस भी हुई, जिसके बाद उनको मार्शल आउट कर दिया गया.

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इससे पहले मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि मार्शलों को बहाल करने का प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास लंबित है. इस मुद्दे पर चर्चा में भाग लेते हुए आतिशी ने कहा कि अगर उपराज्यपाल वीके सक्सेना 10,000 बस मार्शलों को बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए राजी हो जाते हैं तो आम आदमी पार्टी (आप) रोहिणी विधानसभा सीट से विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी. 

हल्के-फुल्के अंदाज में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर गुप्ता उपराज्यपाल से प्रस्ताव को मंजूरी दिला देते हैं तो वह चुनाव में उनके लिए प्रचार करेंगी. उन्होंने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का बचाव किया, जिन पर भाजपा ने नवंबर, 2023 से बस मार्शलों को हटाने का निर्देश देने का आरोप लगाया था.

20 अक्टूबर, 2023 को लिखे अपने पत्र में केजरीवाल ने कहा था कि बस मार्शलों को नहीं हटाया जाना चाहिए और उनके वेतन का भुगतान रोकने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

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आतिशी ने एलजी पर लगाए आरोप

मुख्यमंत्री आतिशी ने जोर देकर कहा कि वर्दीधारी मार्शलों की मौजूदगी से बसों में महिलाओं और लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं रुकती हैं. लेकिन एलजी ने महिलाओं की सुरक्षा की परवाह किए बिना उन्हें हटा दिया, उन्होंने आरोप लगाया. सत्तारूढ़ आप विधायकों ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्होंने एलजी के जरिए बस मार्शलों को हटवाया और इस तरह उनके और उनके परिवारों के लिए आजीविका की समस्या पैदा कर दी.

भाजपा विधायकों ने पलटवार करते हुए कहा कि बस मार्शलों को तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल के निर्देश पर हटाया गया था और अब आप उनकी बहाली को लेकर राजनीति कर रही है. भाजपा विधायक अभय वर्मा ने सत्तारूढ़ पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वह बस मार्शलों को उनकी नौकरी वापस नहीं दे सकती तो वह सत्ता में क्यों है.

विजेंद्र गुप्ता ने मांगा जवाब

नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आतिशी से जवाब मांगा और कहा कि आप सरकार ने बस मार्शलों को तैनात किया और फिर उन्हें हटा दिया. विपक्ष के नेता ने कहा, "यह आश्चर्यजनक है कि सत्तारूढ़ पार्टी कह रही है कि विपक्षी भाजपा को बस मार्शलों को उनकी नौकरी वापस देनी चाहिए." उन्होंने दावा किया कि बस मार्शलों को नियमित करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सुझाई गई समिति अभी तक गठित नहीं हुई है.

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उन्होंने कहा कि एलजी ने आतिशी को बस मार्शलों को नियमित करने और अंतरिम में उन्हें चार महीने के लिए नौकरी देने के लिए लिखा था. उन्होंने दावा किया कि आप सरकार ने इसे लागू करने के लिए कुछ नहीं किया है.

शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुप्ता पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने बस मार्शलों की बहाली के लिए मुख्यमंत्री के साथ एलजी से मिलने से बचने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि आप विधायक अभी भी एलजी के पास जाने के लिए तैयार हैं, अगर विपक्षी भाजपा के सदस्य बस मार्शलों की बहाली में मदद करने के लिए उनके साथ आते हैं.

भारद्वाज ने कहा कि बस मार्शलों का नियमितीकरण 'सेवाओं' और 'कानून और व्यवस्था' के मामलों के अंतर्गत आता है जो एलजी के अधिकार क्षेत्र में हैं. मंत्री ने कहा कि इस संबंध में दिल्ली सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है.

मार्शल आउट को लेकर विजेंद्र गुप्ता ने साधा निशाना

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज सदन में विपक्ष को बोलने से रोका गया. यहां तक ​​कि विपक्ष के नेता को भी बोलने नहीं दिया गया. माइक अचानक बंद कर दिया गया. हमें मार्शलों द्वारा बाहर निकाल दिया गया. यह असंसदीय. सत्ता पक्ष विपक्ष के मुद्दों और तर्कों से घबरा गया है. स्वाति मालीवाल को अरविंद केजरीवाल के इशारे पर उनके ही आवास पर पीटा गया. इससे पता चलता है कि वे महिला सुरक्षा के प्रति कितने असंवेदनशील हैं. वे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को पनाह दे रहे हैं. वे उन्हें शरण दे रहे हैं और उन्हें अपना वोट बैंक बना रहे हैं. हम मांग करते हैं कि दिल्ली में एनआरसी लागू किया जाए. 

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