दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो ई-कॉमर्स कंपनियों के महंगे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को नकली उत्पादों से बदलकर चोरी कर रहा था. इस गिरोह के दो सदस्यों 22 वर्षीय उमेश और 23 वर्षीय सनी कुमार को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार, इनकी हरकतों से एक गोदाम को करीब 8.5 लाख रुपये का नुकसान हुआ.
नकली और असली उत्पाद दोनों बरामद
गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस ने तीन स्मार्टवॉच, तीन ईयरपॉड्स और उनके चार्जर बरामद किए हैं. साथ ही, वे नकली डिवाइस भी मिले हैं जिनका इस्तेमाल ये लोग असली उत्पादों को बदलने के लिए करते थे.
इस तरह पकड़े गए आरोपी
मामला तब सामने आया जब 15 नवंबर को उत्तम नगर के वेयरहाउस मालिक सनी कुशवाहा ने ई-एफआईआर दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि डिलीवरी एजेंट उमेश अपने साथी के साथ मिलकर महंगे गैजेट्स को नकली सामान से बदल रहा है.
पुलिस ने उमेश को प्रेम नगर से पकड़ा. उसकी जानकारी पर मालवीय नगर के एक फ्लैट में छापा मारकर सनी कुमार को भी हिरासत में लिया गया. चोरी का सामान रसोई में बने एक गुप्त खांचे से मिला.
ढाई-तीन हजार में होता था एक पार्सल का सौदा
पूछताछ में उमेश ने बताया कि वह ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के वेयरहाउस में काम करता था. वहीं से उसकी मुलाकात अंकित और बिहार के सनी कुमार से हुई. ये लोग उसे हर एक महंगे पार्सल के बदले 3,500 रुपये देते थे. उमेश असली गैजेट डिलीवरी के दौरान गिरोह को दे देता था, जबकि पार्सल में नकली डिवाइस डालकर ऑर्डर कैंसल कर दिया जाता था.
बिहार भेजा जाता था चोरी का सामान
पुलिस के मुताबिक, चोरी किए गए गैजेट्स को बिहार के समस्तीपुर भेजा जाता था, जहां आरोपी अमर उन्हें एक मोबाइल डीलर राजेश को सप्लाई करता था. पुलिस अब इन अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है.
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