दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ उच्च-स्तरीय बैठक की. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं, जिसके बाद सरकार ने सभी विभागों को सख्त निर्देश दिए हैं. सरकार ने साफ चेतावनी दी है कि प्रदूषण नियंत्रण उपायों में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो जिम्मेदारी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के साथ उच्च स्तरीय बैठक में राजधानी के साथ-साथ फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी 100% डस्ट मिटिगेशन लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार ने सभी विभागों- MCD, PWD, DDA, DMRC सहित हर एजेंसी को चेतावनी दी है कि प्रदूषण नियंत्रण में कोई ढिलाई मिली तो जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी. चाहे सरकारी विभाग हो या निजी कंपनी- नियम सब पर एक समान लागू होंगे.
ऑपरेशन मोड में चलाया जाएगा कैंपेन
प्रदूषण पर दीर्घकालिक रणनीति तैयार करने के लिए सरकार एक नई कमेटी बना रही है. इस कमेटी की अध्यक्षता दिल्ली की मुख्यमंत्री करेंगी. इसमें देश के प्रमुख वैज्ञानिक और केंद्र सरकार के अधिकारी शामिल होंगे. इस कमेटी को आज ही औपचारिक रूप से गठित कर दिया जाएगा. सरकार ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए इस बार अभियान 'ऑपरेशन मोड' में चलाया जाएगा.
72 घंटे में पॉटहोल्स होंगे खत्म
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि बैठक में 72 घंटों के अंदर दिल्ली भर में सड़कों पर मौजूद पॉटहोल्स (Pot Holes) का काम पूरा करने का फैसला हुआ. साथ ही 6 महीनों में उन सभी स्थानों का स्थायी निवारण किया जाएगा, जहां से धूल उड़ती है. सभी स्थानीय निकायों को ग्रीन प्लांटेशन (Green Plantation) बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. BS-4 से नीचे के वाहनों पर सख्ती होगी और दिल्ली में लास्ट माइल कनेक्टिविटी बेहतर की जाएगी.
सरकार ने स्पष्ट किया कि नियम सभी पर समान रूप से लागू होंगे, चाहे सरकारी एजेंसी हो या निजी कंपनी, निर्माण मलबा मिलने पर एक समान कार्रवाई की जाएगी. 1400 किमी सड़कों पर पॉटहोल मरम्मत का काम तेज गति से पूरा किया जाएगा. सभी C&D साइट्स पर डस्ट कंट्रोल उपाय लागू करने होंगे. साथ ही MCD के 8,000 किलोमीटर सड़क नेटवर्क को धूल-मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया गया है.
खुला मलबा मिला तो एजेंसी पर एक्शन
सरकार ने रोड कटिंग और मलबे पर जीरो टॉलरेंस की नीति लागू करने का निर्देश दिया है. इसके तहत अब बिना मंजूरी के रोड कटिंग करने पर तुरंत FIR दर्ज होगी और संबंधित AE/JE पर भी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा सड़क पर मलबा मिला तो DPCC सीधे एक्शन लेगी. साथ ही सभी C&D साइट्स पर 100% डस्ट कंट्रोल अनिवार्य किया गया है.
सड़कों की होगी धुलाई
सरकार ने सड़कों पर धूल कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदमों को मंजूरी दी है, जिसके तहत अगले 45 दिनों में 1,000 वैक्यूम-बेस्ड लिटर मशीनें खरीदी जाएंगी. PWD की सभी सड़कों की मशीन से धुलाई की जाएगी. शहरभर में मिस्ट स्प्रे इंस्टॉलेशन बढ़ाए जाएंगे. इसके साथ ही MD की सड़कों पर 100 MRS लगाए जाएंगे. मुख्यमंत्री कल (गुरुवार) ITO पहुंचकर मिस्ट स्प्रे सिस्टम की समीक्षा भी करेंगी.
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि DPCC को निर्देश दिए गए हैं कि कूड़ा, मलबा और बिल्डिंग वायलेशन (Violation) किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं होगा. सरकारी इमारतों की फेंसिंग न होने पर भी संबंधित विभाग पर एक्शन तय है. 20 दिनों के भीतर OMC (Operation and Maintenance Contract) लागू न करने वाले उद्योगों पर भी कार्रवाई होगी. पिछले 9 महीनों में लीगेसी वेस्ट (Legacy Waste) प्रोसेसिंग की रफ्तार दोगुनी हुई है. PWD के 550 किमी ब्राउन एरिया में 15 दिनों के अंदर सुधार कार्य पूरा होगा.
वाहनों पर होगी सख्त
साथ ही BS-2 और BS-3 वाहनों के मालिकों को तुरंत PUC करवाने और BS-4 से नीचे के ट्रकों को सीज करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
ऑड-ईवन केवल ड्रामा
प्रदूषण नियंत्रण के लिए चर्चित ऑड-ईवन स्कीम पर सरकार ने कहा कि इसका वास्तविक असर नहीं दिखा. सरकार ने कहा, 'ऑड-ईवन केवल ड्रामा था, प्रदूषण कम नहीं हुआ. हम नागरिकों को परेशान नहीं करना चाहते, बल्कि असरदार कदम उठा रहे हैं.'
सरकार ने ये भी आरोप लगाया कि अगर पहले काम होता तो आज दिल्ली को ये स्थिति नहीं झेलनी पड़ती. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जल्द ही एक विशेष समीक्षा बैठक भी करेंगे.
सुशांत मेहरा