दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम होगा अपग्रेड, खत्म होगी जलभराव की समस्या... 57 हजार करोड़ का मास्टर प्लान पेश

दिल्ली में जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए 57 हजार करोड़ रुपये का नया ड्रेनेज मास्टर प्लान लॉन्च हुआ. केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसका अनावरण किया. योजना में हथिनी कुंड बैराज के पास डैम निर्माण, यमुना की डिसिल्टिंग, पुराने नालों और सीवरेज सिस्टम के अपग्रेड का प्रावधान है. इससे दिल्ली को बाढ़ और जलभराव से दीर्घकालिक राहत मिलने की उम्मीद है.

Advertisement
57 हजार करोड़ की लागत से दिल्ली में ड्रेनेज सिस्टम अपग्रेड किया जाएगा (File Photo: Pexels) 57 हजार करोड़ की लागत से दिल्ली में ड्रेनेज सिस्टम अपग्रेड किया जाएगा (File Photo: Pexels)

सुशांत मेहरा

  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:19 AM IST

दिल्ली में बरसात के दौरान होने वाले जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. 50 साल बाद राजधानी के लिए नया ड्रेनेज मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिसकी अनुमानित लागत 57 हजार करोड़ रुपये है.

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दिल्ली में पिछले कुछ सालों से बाढ़ की समस्या गंभीर हो रही है. इसके समाधान के लिए हथिनी कुंड बैराज के पास करीब 5200 एकड़ में डैम बनाने की योजना है. इससे दिल्ली में बाढ़ और पानी की समस्या का समाधान होगा. 

Advertisement

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने संयुक्त रूप से इस मास्टर प्लान का अनावरण किया. अधिकारियों के मुताबिक योजना के तहत दिल्ली के पुराने नालों, सीवरेज और स्टॉर्म वॉटर सिस्टम को आधुनिक तकनीक से अपग्रेड किया जाएगा.

योजना के तहत यमुना नदी में बाढ़ को रोकने, बिजली का उत्पादन करना, और जलापूर्ति की समस्या का समाधान करना है. इसमें 14 किलोमीटर लंबा जलाशय होगा. बांध के निर्माण पर करीब 6134 करोड रुपए खर्च होने का अनुमान है. 

मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि बांध की जरूरत इसलिए भी है, क्योंकि मानसून के दिनों में बैराज के पास से इतना अधिक पानी आता है कि उसे एक लिमिट के बाद रोकना संभव नहीं है. अगर पानी पूरी तरह से रोका जाए, तो बांध टूट सकता है. ऐसे में दिल्ली में बाढ़ तबाही मचा सकती है. इसे देखते हुए यमुना की मौजूदा पानी होल्डिंग कैपेसिटी बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए यमुना की डिसिल्टिंग जरूरी है. सबसे ज्यादा समस्या ITO बैराज से ओखला बैराज के बीच 14 किलोमीटर लंबे स्ट्रेच पर है. इस स्ट्रेच में यमुना की गहराई 700 मीटर अधिक है, तो कहीं 700 मीटर से कम. जैसे आईटीओ बैराज के पास गहराई करीब 207 मीटर है. वहीं, ओखला बैराज के पास 200 मीटर है.

Advertisement

बता दें कि ड्रेनेज मास्टर प्लान लागू होने के बाद राजधानी की सड़कों पर बरसात के दौरान पानी भरने की समस्या को काफी हद तक खत्म करने का लक्ष्य है. परियोजना से शहर में स्वच्छता व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को गति मिलेगी. सरकार का दावा है कि इस महत्त्वाकांक्षी योजना के पूरा होने से दिल्ली को आने वाले कई वर्षों तक जलभराव से राहत मिलेगी.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement