बेटे का इलाज कराने दिल्ली आई बुजुर्ग महिला को लुटेरों के हाथों अपनी जान गंवानी पड़ी. महिला सिविल लाइन इलाके में ई-रिक्शा में बैठकर जा रही थी. उसने बैग अपने गले में लटकाया हुआ था. तभी बाइक सवार एक लुटेरे ने बैग छीनने की कोशिश की. इस दौरान महिला ई रिक्शा से नीचे गिर गई. महिला के सिर में गंभीर चोट लगी और इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
500 कैमरों की फुटेज की जांच
लूट और हत्या के इस सनसनी खेज मामले में आरोपी को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने न सिर्फ 500 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला. दिल्ली पुलिस की तीन टीम तीन एसीपी की देखरेख में बनाई गई. हर टीम को अलग अलग टास्क दिया गया था. तब जाकर 20 दिनों बाद आरोपी को पुलिस पकड़ सकी.
17 दिसंबर को हुई थी वारदात
यह वारदात 17 दिसंबर के दोपहर की है, जब रिनचिंग नाम की एक बुजुर्ग महिला ई-रिक्शा में सिविल लाइन थाना इलाके में जा रही थी. तभी एक तेज रफ्तार बाइक सवार उनके ई-रिक्शा के बगल में आता है और पर्स पर झपट्टा मारता है. पर्स के साथ रिनचिंग ई रिक्शा से नीचे गिर जाती हैं. घायल बजुर्ग महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान 22 दिसंबर को उनकी मौत हो गई.
सरेआम लुटेरे ने ली थी जान
आरोपी को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने तीन स्पेशल टीम में बनाई थी. हर टीम को एसीपी रैंक का अधिकारी लीड कर रहा था. इसके लिए सबसे पहले दिल्ली पुलिस ने वारदात और आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला. सीसीटीवी फुटेज को खंगालने के बाद पुलिस को बजाज डोमिनार 400 बाइक नजर आई. लेकिन बाइक का नंबर साफ नजर नहीं आ रहा था. जिसके बाद पुलिस में बजाज डोमिनार 400 मॉडल के मालिकों की डिटेल निकाली.
डोर टू डोर की गई वेरिफिकेशन
इसके बाद पुलिस ने डोर टू डोर वेरिफिकेशन शुरू की. पुलिस ने इलाके का डंप डाटा भी निकाला ताकि आरोपी को जीरो इन किया जा सके. जांच के दौरान पुलिस को एक बाइक नहीं मिल रही थी और न ही उस बाइक के मालिक के बारे में कोई जानकारी मिली. इसके बाद पुलिस का शक उस पर गहरा गया और फिर पुलिस ने जब उस मलिक की डिटेल निकाली तो उसका नाम उमेश खारी निकला। पुलिस के मुताबिक उमेश खारी के खिलाफ लूट के कम से कम 15 मामले दर्ज है, फिलहाल सात मामलों में पुलिस को इसकी तलाश थी.
20 दिनों तक देता रहा चकमा
पहचान हो जाने के बावजूद भी उमेश पुलिस के हाथ नहीं लग रहा था। उत्तरी जिले के डीसीपी के मुताबिक दिल्ली पुलिस के लगातार छापेमारी की वजह से उमेश ने गाजियाबाद जिले में 2004 के झपटमारी के एक मामले में अपनी जमानत रद्द करवा दी और कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया। जब दिल्ली पुलिस को इसके बारे में जानकारी मिली तो दिल्ली पुलिस ने कत्ल और लूट के इस मामले में उसे कोर्ट के वारेंट के जरिए दिल्ली लाई और फिर उसे गिरफ्तार किया.
हिमांशु मिश्रा