माइनिंग माफिया और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दाहिने हाथ माने जाने वाले बच्चू यादव को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्र की कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में साल भर से भी ज्यादा समय से जेल में बंद बच्चू को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.
खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि शर्त ये है कि बच्चू रिहाई के बाद जांच और ट्रायल में सहयोग करेगा. इसके अलावा ट्रायल कोर्ट कोई भी शर्त लगा सकती है. बच्चू यादव की जमानत अर्जी के खिलाफ ईडी ने बच्चू पर अपराध के लिए 30 लाख रुपये लेने का आरोप लगाया था.
पंकज मिश्रा का हाथ भी बच्चू के सिर पर रहा है- ईडी
मगर, कोर्ट ने उन दलीलों को दरकिनार कर दिया. इस मामले में ट्रायल चल रहा है. पांच गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं. ईडी की दलीलों के मुताबिक, माइनिंग माफिया सरगना पंकज मिश्रा का हाथ भी बच्चू के सिर पर रहा है. बच्चू पंकज मिश्रा का लठैत और राजदार भी रहा है.
'उसके बैंक अकाउंट में 30 लाख रुपये भी जमा हुए'
ईडी के मुताबिक, इसके जरिए ही यादव ने एक जून से 26 जून 2022 के बीच 1844 ट्रकों से पत्थर की गिट्टी-रोड़ी की अंधाधुंध ढुलाई कराई. इस बीच उसके बैंक अकाउंट में 30 लाख रुपये भी जमा हुए. ईडी की दलील ये भी थी कि मामले में पंकज मिश्रा की जमानत अर्जी कोर्ट खारिज कर चुका है. इसके बाद उसने स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत याचिका दाखिल की.
संजय शर्मा