ज्यादा बारिश की वजह से डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया का खतरा बढ़ गया है. ये समय मच्छरों के ब्रीडिंग यानि प्रजनन के लिए काफी मुफीद हैं, इसलिए हमने पड़ताल में पाया कि ज्यादातर स्कूल, अवैध कॉलोनियां, कंसट्रक्शन साइट्स मच्छरों के प्रजनन यानी ब्रीडिंग के बड़े हॉट-स्पाट हैं.
साउथ एमसीडी के पब्लिक हेल्थ ऑफिसर डॉक्टर लल्लन वर्मा ने बताया कि मच्छरों के ब्रीडिंग साइट की 100 ऐसी जगहों की पहचान की गई है जो अधिकतर स्कूलों, अवैध कॉलोनियों और कंसट्रक्शन साइट्स पर मिले. 71 नोटिस और 19 चालान मंगोलपुरी, ककरोला द्वारका सेक्टर 6, सैनिक एनक्लेव पार्ट 2, आरके पुरम सेक्टर 8, विकासपुरी, वसंत कुंज और ग्रेटर कैलाश इलाके में भेजे गए हैं.
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पब्लिक हेल्थ ऑफिसर ने बताया कि अधिकतर स्कूल के पीछे ड्रेन हैं जिसमें पानी इकट्ठा होता है और वहां अक्सर सफाई का ध्यान दिया ही नहीं जाता. नजफगढ़ और कई अनऑथराइज्ड कॉलोनी जहां पानी की सप्लाई नहीं है, वहां लोग पीने का पानी इकट्ठा करते हैं और साथ ही लोग जागरूक भी नहीं हैं कि एकत्रित पानी में मच्छर पैदा होते हैं, ऐसे इलाके हॉट-स्पॉट में आते हैं. मसलन, संगम विहार, दक्षिण पुरी, लाडो सराय, अंबेडकर नगर, घिटोरनी हॉट-स्पॉट में गिने जाते हैं.
उन्होंने कहा कि ज्यादातर नर्सरीज के पॉट में लार्वा पाए जाते हैं. डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है इसलिए अपने घरों एवं आस-पड़ोस में पानी को इकठ्ठा न होने दें.
साउथ एमसीडी के मेयर मुकेश सुर्यान ने कहा कि दक्षिणी निगम मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम हेतु 55,00,000 मोबाइल संदेशों के माध्यम से जागरूकता संदेश भेज रहा है. साथ ही डीबीसी कर्मी 10,74,643 घरों में मच्छररोधी दवा का छिड़काव कर रहे हैं और व्हाट्सएप के माध्यम से आरडब्ल्यूए ग्रुपों में भी जागरूकता संदेश दिया जा रहा है.
राम किंकर सिंह