Heart Health: दिल को चुपचाप खतरे में डाल रहीं ये 5 तरह की दवाएं, रूसी डॉक्टर ने किया अलर्ट

दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाने वाली 5 दवाओं के बारे में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ दिमित्री यारानोव ने चेतावनी दी है. ये दवाएं ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती हैं, हार्ट फेलियर का जोखिम बढ़ा सकती हैं और हार्ट रेट को प्रभावित कर सकती हैं.

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दवाइयों के लेबल को जरूर पढ़ना चाहिए. (PHOTO:ITG) दवाइयों के लेबल को जरूर पढ़ना चाहिए. (PHOTO:ITG)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST

Heart Health: दुनियाभर में दिल की देखभाल एक बड़ा विषय बन चुका है, क्योंकि समय के साथ हार्ट डिजीज का जोखिम तेजी से बढ़ता जा रहा है. दिल हमारे शरीर का सबसे नाजुक और जरूरी हिस्सा होता है, इसलिए इसे सबसे ज्यादा केयर की जरूरत होती है. दिल की बीमारियों के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन अधिकतर ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के कंट्रोल में नहीं होने की वजह से लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा देती है. 

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हेल्दी हार्ट के लिए सही डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज बहुत जरूरी है, मगर क्या आप जानते हैं कि आप अनजाने में ही दिल की बीमारियों को बुलावा दे देते हैं. दिल के डॉक्टर ने हाल ही में बताया है कि कुछ दवाएं ऐसी हैं, जिन्हें खाने से हमारे दिल को वो चुपचाप नुकसान पहुंचाती हैं. इन दवाइयों को हम अलग-अलग बीमारियों में इस्तेमाल करते हैं, मगर ये हमारे दिल के लिए सही नहीं होती हैं.

रूस के बैपटिस्ट मेमोरियल हेल्थ केयर में प्रोग्राम डायरेक्टर एडवांस्ड हार्ट फेलियर, हार्ट ट्रांसप्लांट और MCS कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दिमित्री यारानोव ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है. इस पोस्ट में उन 5 दवाइयों के बारे में बताया है जो हार्ट को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाती हैं. उन्होंने इन दवाइयों के नाम बताए हैं  और बताया है कि कैसे इनके इस्तेमाल से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. 

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कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दिमित्रि यारानोव के मुताबिक, आमतौर पर हम नॉर्मल बीमारियों के लिए जिन दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं, वो चुपचाप हार्ट को नुकसान पहुंचाते हैं और जोखिम को बढ़ा देती हैं. इसलिए हमेशा दवाओं के लेबल को ध्यान से पढ़ें और साइड इफेक्ट्स के बारे में अपने डॉक्टर से पूछें.  

हार्ट को नुकसान पहुंचाती हैं ये 5 दवाएं

नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स

नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स यानी NSAIDs में इबुप्रोफेन और नेप्रोक्सेन जैसी ओवर-द-काउंटर दर्द से राहत देने वाली दवाइयां शामिल हैं. भले ही ये दवाएं आम लगती हैं, लेकिन डॉ. यारानोव के अनुसार, अगर नियमित तौर पर इनको लिया जाए तो यह ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती हैं और शरीर में पानी जमा कर सकती है. इतना ही नहीं कुछ केसों में तो हार्ट फेलियर तक का कारण बन सकती हैं. 

 कीमोथेरेपी ड्रग्स 

डॉक्सोरूबिसिन और ट्रास्टुजुमाब जैसी दवाओं से जिंदगी बचाना बेहद जरूरी है, लेकिन कैंसर के कुछ इलाज हार्ट मसल्स को कमजोर कर सकते हैं. हार्ट रेट रुकने का कारण बन सकते हैं.  डॉ. यारानोव का कहना है कि करीबी निगरानी बेहद जरूरी है. 

स्टिमुलेंट्स

एम्फेटामिन्स और ADHD दवाइयां जैसे स्टिमुलेंट्स हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ा सकते हैं, इनसे अरिथमिया और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है.

डायबिटीज की दवाएं

रोजिग्लिटाजोन जैसी कुछ पुरानी ब्लड शुगर कंट्रोल की दवाइयां हार्ट फेल्योर के जोखिम से जुड़ी हुई हैं. मगर डॉ. यारानोव ने बताया कि पुरानी दवाइयों के मुकाबले में नई दवाइयां काफी सुरक्षित हैं.

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डीकोन्जेस्टेंट्स

सर्दी-जुकाम की दवाओं में पाए जाने वाले डीकोन्जेस्टेंट्स जैसे स्यूडोएफेड्रिन ब्लड प्रेशर बढ़ा सकते हैं और अरिथमिया को ट्रिगर कर सकते हैं. खासतौर पर यह दवा उन लोगों में जिनका दिल पहले से कमजोर होता है, उन्हें जल्दी ट्रिगर करती है. 

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