अक्सर लोग दौड़ती-भागती जिंदगी के बीच कार्बोहाइड्रेट को बुरा भरा बोलते हैं और इसके लिए वे लोग रोटी-चावल-चीनी को दोष देते रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोटी-चावल की अपेक्षा एक और तरीके का कार्बोहाइड्रेट है जो चीनी और मैदे से भी खतरनाक है और आपकी सेहत पर गलत असर डाल रहा है. उस खतरनाक कार्ब का नाम है इंडस्ट्रियल स्टार्च. ये उन पैकेज्ड चीजों में पाया जाता है जिन्हें आप काफी चाव से खाते हैं लेकिन पहचानने में गलती कर देते हैं. इस बारे में हैदराबाद की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. पूजा रेड्डी ने बताया है.
क्या कहती हैं डर्मेटोलॉजिस्ट ?
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. पूजा रेड्डी ने वीडियो में बताया कि 'इंडस्ट्रियल स्टार्च दुनिया का ‘No. 1 सबसे खतरनाक कार्ब’ है. यह न केवल शुगर लेवल को खतरनाक लेवल तक बढ़ा देता है बल्कि शरीर में सूजन, पेट की चर्बी, फैटी लिवर और टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम भी बढ़ा देता है. ये ऐसी बीमारियां हैं जिनसे आज के समय में करोड़ों भारतीय जूझ रहे हैं.
क्या है इंडस्ट्रियल स्टार्च?
डॉ. रेड्डी के मुताबिक, 'इंडस्ट्रियल स्टार्च कोई नेचुरल स्टार्च नहीं है जो जो घर में आलू या चावल से बने. इसे फैक्ट्रीज में हैवी प्रोसेसिंग, तेज तापमान और कैमिकल से बनाया जाता है. इसी वजह से शरीर इसे बहुत तेजी से ब्रेक करता है और 1 चम्मच खाने से भी इंसान का ब्लड शुगर तुरंत बढ़ जाता है.'
इंडस्ट्रियल स्टार्च में बिल्कुल भी न्यूट्रिशन नहीं होते. यह सिर्फ खाने वाली चीजों में फिलर के रूप में और उन्हें गाढ़ा बनाने के लिए इस्तेमाल होता है. इसलिए इन्हें बड़े पैमाने पर पैकेज्ड फूड में मिलाया जाता है.
इंडस्ट्रियल स्टार्च को कैसे पहचानें और कैसे बचें?
डॉ. रेड्डी ने बताया कि कोई भी कंपनी पैकेट्स पर सीधे शब्दों में इंडस्ट्रियल स्टार्च नहीं लिखेगी. वो नीचे लिखे नामों से अपने प्रोडक्ट्स पर मेंशन करती हैं. अगर आप नीचे दिए नामों को बिस्कुट, सॉस, सूप, प्रोटीन पाउडर, रेडी-टू-ईट मसाला मिक्स आदि फूड पैकेज्ड पर पढ़ें तो अंदाजा लगा लीजिए कि उसमें इंडस्ट्रियल स्टार्च मिला हुआ है.
कॉर्न स्टार्च
व्हीट स्टार्च
माल्टोडेक्सट्रिन
मॉडिफाइड फूड स्टार्च
मॉडिफाइड कॉर्न स्टार्च
मॉडिफाइड टैपिओका स्टार्च
डॉ. रेड्डी कहती हैं, 'यदि फूड लेबल पर ऊपर दिए नामों की लिस्ट में से कुछ दिखे तो इसका मतलब है कि उनमें इंडस्ट्रियल स्टार्च मिला हुआ है. इंडस्ट्रियल स्टार्च का काम स्वाद बढ़ाना नहीं बल्की क्वांटिटी को बढ़ाकर उसकी मात्रा बढ़ाना है.
आजतक लाइफस्टाइल डेस्क