फैक्ट चेक: यूपी में चलती एम्बुलेंस से स्ट्रेचर समेत गिरा मरीज? नहीं, AI से बना है ये वीडियो

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो किसी असल घटना का नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI की मदद से बनाया गया है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
मेडिकल लापरवाही का ये वीडियो यूपी का है जहां चलती एम्बुलेंस से एक मरीज स्ट्रेचर समेत सड़क पर गिर गया.
सच्चाई
ये किसी असल घटना का वीडियो नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI से बनाया गया है.

फैक्ट चेक ब्यूरो

  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:51 PM IST

उत्तर प्रदेश का बताकर ‘मेडिकल लापरवाही’ का एक विचलित कर देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल है. वीडियो में स्ट्रेचर पर लेटा हुआ एक मरीज चलती एम्बुलेंस से बीच सड़क पर गिर जाता है. मरीज को स्ट्रेचर समेत सड़क पर ही छोड़ कर एम्बुलेंस आगे निकल जाती है. मरीज के मुंह पर ऑक्सीजन मास्क लगा है और स्ट्रेचर के ऊपर एक ड्रिप भी देखी जा सकती है.

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कुछ लोग इसे यूपी के यमुना एक्स्प्रेसवे का बताकर योगी सरकार पर भी सवाल उठा रहे हैं. एक्स पर एक व्यक्ति ने लिखा - “सोचिये आप उत्तर प्रदेश में है क्या ये रामराज्य की तस्वीर होनी चाहिए.” वीडियो के ऊपर भी तंज के तौर पर लिखा है - “बीजेपी सरकार मरीज के साथ कितना सक्रीय है. राम राज है ये बीजेपी राज.”

इन्हीं दावों के साथ वीडियो को इंस्टाग्राम और एक्स पर खूब शेयर किया जा रहा है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो किसी असल घटना का नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI की मदद से बनाया गया है.

कैसे पता की सच्चाई?

वीडियो को गौर से देखने पर हमें इसमें कुछ गड़बड़ियां नजर आती हैं जिससे इसके असली होने पर शक पैदा होता है. मिसाल के तौर पर एम्बुलेंस में सिर्फ एक ही दरवाजा नजर आता है जबकि दूसरा दरवाजा गायब है. 

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एम्बुलेंस तेज रफ्तार में है, बावजूद इसके जब मरीज इससे गिरता है तो स्ट्रेचर पर जस-का-तस लेटा रहता है और स्ट्रेचर से गिरता नहीं है. और तो और मरीज के मुंह से ऑक्सीजन मास्क तक नहीं निकलता है. ये अपने आप में कई सवाल खड़े करता है.

इसके अलावा गाड़ी के पीछे एम्बुलेंस की स्पेलिंग उल्टे अक्षरों में लिखी हुई है जबकि पीछे की तरफ ये सीधे अक्षरों में लिखी जाती है ताकि पीछे आ रही गाड़ियां इसे आसानी से पढ़ सकें. जैसे ही एम्बुलेंस कुछ दूर आगे बढ़ती है इसकी स्पेलिंग भी अटपटी-सी हो जाती है.

इसके बाद हमने इस वीडियो और इसके अलग-अलग फ्रेम्स को AI डिटेक्टर टूल्स की मदद से टेस्ट किया. ‘Hive Moderation’ और ‘Sightengine’ दोनों ही टूल्स ने इसे 99 फीसदी AI से बना हुआ बताया.

साफ है कि जिस वीडियो को यूपी का बताकर सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है, असल में उसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI से बनाया गया है. 

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