“भारत को नेपाल समझ रहे थे. यहां बाबा जी का राज है. यूपी की पुलिस धुआं-धुआं कर के छोड़ेगी." इस कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल है जिसमें कुछ प्रदर्शनकारियों को बीच सड़क पर “जिला प्रशासन वापस जाओ” के नारे लगाते देखा जा सकता है. दूसरी तरफ सुरक्षाबलों की टीम तैनात दिख रही है.
इनमें से एक पुलिसकर्मी आगे आता है और प्रदर्शनकारियों की तरफ छोटे बम जैसी कुछ चीज फेंकता है. आखिर में दिखता है कि धमाका होते ही भीड़ तितर-बितर हो जाती है.
वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यूपी में प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने इस तरह से सबक सिखाया.
वीडियो को यूपी का बताकर फेसबुक और एक्स पर कई लोग शेयर कर चुके हैं.
यूपी के बरेली में कुछ दिनों पहले ही “आई लव मोहम्मद” को लेकर काफी बवाल हो गया था. पुलिस ने प्रदर्शकारियों पर लाठीचार्ज किया था. इस मामले में पुलिस कई गिरफ्तारियां भी कर चुकी है. इसी के बाद अब ये वीडियो वायरल हो रहा है.
लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो न तो यूपी का है, न ही किसी असली घटना का. ये झारखंड में हुई एक मॉक ड्रिल का वीडियो है.
कैसे पता की सच्चाई?
जांच में पता चला कि ऐसी ही एक पोस्ट पर एक यूजर ने कमेंट किया है कि ये बोकारो में हुई मॉक ड्रिल का वीडियो है.
इस क्लू की मदद से हमें यूट्यूब पर 28 सितंबर 2025 को अपलोड हुआ एक वीडियो मिला. इस वीडियो में वायरल वीडियो वाली जगह, वही लोग और सुरक्षाबल की टीम देखी जा सकती है. वीडियो के वॉइस ओवर में बताया गया है कि बोकारो के रितुडीह इलाके में पुलिस प्रशासन ने मॉक ड्रिल की. इस वीडियो को देख कर भी ये साफ समझ आता है कि ये कोई असली विरोध प्रदर्शन नहीं है.
इसके अलावा हमें बोकारो पुलिस के एक्स अकाउंट पर इस मॉक ड्रिल को लेकर 27 सितंबर को किया गया एक पोस्ट भी मिला. इस पोस्ट में ड्रिल के अलग-अलग एंगल से बनाए गए वीडियो मौजूद हैं जो वायरल वीडियो से मेल खाते हैं.
बोकारो पुलिस ने पोस्ट में लिखा है कि दशहरा के मद्देनजर बोकारो के परेड मैदान और रितुडीह में पुलिस ने मॉक ड्रिल का आयोजन किया. इस दौरान पुलिस के जवानों को किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने एवं दंगा विरोधी हालात पर काबू पाने का प्रशिक्षण दिया गया था. यहां ये साफ हो जाता है कि वीडियो का यूपी से कोई संबंध नहीं है.
अर्जुन डियोडिया