बॉलीवुड में बन रहीं हैं प्रोपेगेंडा फिल्में? एक्ट्रेस नुसरत भरूचा ने दिया जवाब

एजेंडा आजतक 2025 के पहले दिन बॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस नुसरत भरूचा ने शिरकत की. एक्ट्रेस ने 'दिल चोरी साड्डा हो गया' सेशन में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने बॉलीवुड में बन रही प्रोपेगेंडा फिल्मों पर बयान दिया.

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एजेंडा आजतक में पहुंचीं नुसरत भरूचा (Photo: Atul Kumar Yadav/Arun Kumar) एजेंडा आजतक में पहुंचीं नुसरत भरूचा (Photo: Atul Kumar Yadav/Arun Kumar)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:11 PM IST

एजेंडा आजतक 2025 के पहले दिन बॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस नुसरत भरूचा ने शिरकत की. एक्ट्रेस ने 'दिल चोरी साड्डा हो गया' सेशन में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने बॉलीवुड में बन रही प्रोपेगेंडा फिल्मों को लेकर खुलकर बात की.

बॉलीवुड के अंदर क्या होता है?
जब एक्ट्रेस नुसरत से पूछा गया कि बॉलीवुड के अंदर कहां अंधेरा है और कहां उजाला? इस पर एक्ट्रेस ने कहा, 'ये तो आप मुझसे ऐसा पूछ रहे हो कि इंसान के अंदर अंधेरा होता है या सिर्फ उजाला. इंसान तो इंसान है. वो किसी भी फील्ड में हो. ये आपके ऊपर है कि आपको क्या सामने लाना है. मुझे नहीं लगता कि मैं बॉलीवुड के अंदर हूं या बाहर इससे फर्क पडे़गा. क्योंकि आखिर में हम सब इंसान हैं.'  जब एक्ट्रेस से पूछा गया कि बॉलीवुड में सब अवसरवादी (opportunist) है? इस पर उन्होंने कहा, 'हां, मैं खुद अवसरवादी हूं. मुझे अगर ऑफर मिलेगा तो मैं क्यों नहीं करूंगी? हम आगे बढ़ने के लिए लाइन में खड़े हैं.' 

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'अवसरवादी होना बुरी बात नहीं है. इस लाइन पर चलते हुए आपके एक्शन रिस्पॉसिबल होंगे. वो सिर्फ आप ही जान पाएंगे. मैंने अपनी सीख जो मैंने सीखा है, अगर वो मेरे लिए सही है, तो वो मेरे लिए सही है.'

बॉलीवुड में प्रोपेग्रेंडा फिल्में पर आपकी राय?
एक्ट्रेस नुसरत ने इस पर जवाब दिया, 'प्रोपेग्रेंडा क्या होता है एक विचारधारा (Ideology) और फिल्म आर्ट होती है. आप एक कहानी कह रहे हो. मैं एक एक्टर हूं मेरे लिए कहानी जरूरी होती है. लेकिन प्रोपेग्रेंडा में विचारधारा होती है. आर्ट और कहानियों में विचारधारा की जगह होती है. बस अब ये मामला है कि उस विचारधारा को पुश करने के लिए आप सही ढंग से सही फैक्ट को आगे बढ़ाते हो तो विचारधारा सही है. अगर वो करते हुए आपने किसी और की विचारधारा को झुठला दिया और उसमें मिलावट कर दी, या फेकनैस डाल दी तो ये गलत हो जाता है.'

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एक्ट्रेस ने आगे कहा, 'फिल्में इसलिए बनाई जाती हैं ताकि हम सोच सकें, उनसे सवाल पूछने की उम्मीद की जाती है. अगर आपको किसी के बारे में नहीं पता है और फिल्म के जरिए अगर आपको उसके बारे में जानकारी मिल रही है. जहां आपकी सोच शुरू हो जाए, कि ये ऐसा क्यों है, मैंने इसके बारे में क्यों नहीं सोचा? तो क्या हमें इस देश में दृष्टिकोण (perspective) रखने का हक है, हां है. लेकिन जितना हमारा हक है, उतना अपोजिंग (Opposing) का भी होता है.'

जब नुसरत से पूछा गया कि  बॉलीवुड उन फिल्मों को ज्यादा बना रहा है, जो सत्ता को ज्यादा पसंद आती है. इस पर एक्ट्रेस ने कहा, 'ये आपको पूरा बॉलीवुड ही बता पाएगा, मैं इसे नहीं बता पाऊंगी. कि वे इसे क्यों बना रहे हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा है कि लोगों को पसंद आएगी या इसलिए बना रहे हो क्योंकि उनको सही लगता है. एक राइटर, एक डायरेक्टर जब कुछ क्रिएट करता है तो वो उनसे कन्वेंस्ड होता है.'

क्या सत्ता की विचारधारा से जुड़े हुए लोग चाहे वो डायरेक्टर और या एक्टर उन्हें तो इसका फायदा होता होगा ना? इस पर एक्ट्रेस ने कहा, 'बॉलीवुड में विचारधारा हर किसी की होती है. आप किस विचारधारा से अपनी ईमानदारी से मैंटन करते हुए कनेक्ट करते हो. आप वो ही करोगे, आप उसी को हां बोलोगे. तो आपको जो लग रहा है कि हां, ये मेरी सोच-विचार से करेक्ट बैठ रहा है, तो आप उसे ही हां कहोगे. बॉलीवुड में राइट और लेफ्ट दोनों हैं. जो बना रहा है, वो किस माध्यम से लोगों को बता रहा है. वो क्या सोच रहा है, वो मैटर करता है. वो क्या ऑडियंस तक पहुंचाना चाहता है, वो मैटर करता है. मैंने ऑडियंस बन क्या इसे ऐसे परसिव किया तो, नहीं.  मैं एक्टर हूं, मेरे लिए नैरेटिव कहानी मैटर करता है.'

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नुसरत भरूचा का अगला प्रोजेक्ट?
एक्ट्रेस ने अपने नए प्रोजेक्ट का खुलासा करते हुए कहा, 'मैं नीरज पाण्डेय की अगली फिल्म कर रही हूं. ये मेरे काफी क्लोज है. ये एक थ्रिलर ड्रामा फिल्म है. इसमें एक बहुत जरूरी मुद्दा है, जिसपर लडकियां बात नहीं करती है. मैं वो फिल्म कर रही हूं, जो अगले साल आएगी.'

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