मां को याद कर भावुक हुईं कोरियोग्राफर गीता कपूर, बोलीं- ये खालीपन कभी नहीं भरेगा

कोरियोग्राफर और रियलिटी डांस जज गीता कपूर ने जनवरी 2021 में अपनी मां को खो दिया. उनके निधन के कुछ महीनों बाद गीता कपूर ने इस पर बात की है. उन्होंने बताया है कि किस तरह मां के चले जाने से उन्हें झटका लगा है. वह इस सदमे से बाहर आने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इससे बाहर आना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं हो पा रहा है

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गीता कपूर गीता कपूर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2021,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST

कोरियोग्राफर और रियलिटी डांस जज गीता कपूर ने जनवरी 2021 में अपनी मां को खो दिया. उनके निधन के कुछ महीनों बाद गीता कपूर ने इस पर बात की है. उन्होंने बताया है कि किस तरह मां के चले जाने से उन्हें झटका लगा है. वह इस सदमे से बाहर आने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इससे बाहर आना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं हो पा रहा है. लाइफ में खालीपन रह गया है, जिसे कोई नहीं भर सकता. गीता कहती हैं कि यह कहना गलत है कि मजबूत लोग जल्दी सदमे से बाहर आ जाते हैं. मां के जाने के गम से मुझे बाहर आने में बहुत समय लगेगा.

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गीता ने कही यह बात
ईटाइम्स संग बातचीत में गीता कपूर ने कहा, "मैं अभी ठीक हो रही हूं, हालांकि, वह खालीपन अभी भी मैं महसूस करती हूं जो कभी नहीं भरेगा. झूठ कहते हैं लोग कि मजबूत लोग जल्दी हील हो जाते हैं. मुझे लगता है कि यह जल्दी हील होने वाला नहीं. मैं साल 2019 से इसके लिए तैयार थी, जब मेरी मां बीमार हुई थीं. मैं डॉक्टर्स का शुक्रिया अदा करती हूं कि उन्होंने मां को साल 2019 के आखिरी के तीन दिन जिंदा रखा. लेकिन भगवान ने उन्हें मेरे पास पूरे डेढ़ साल के लिए छोड़ा. मुझे मेरी पावर में रहते हुए वह सब चीजें मां के साथ करने को मिलीं जो मैं करना चाहती थी."

जिस दिन मां ने ली आखिरी सांस
गीता कपूर ने उस दिन के बारे में भी बात की, जिस दिन उन्होंने अंतिम सांस ली थी. गीता कहती हैं कि मैं जानती थी कि यह होने वाला है, लेकिन अचानक हो जाएगा इसका मुझे मलाल रहेगा. वह उस दिन वापस घर आने वाली थीं और उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया, उन्होंने सांस लेनी बंद कर दी. सब कुछ इतना जल्दी-जल्दी हुआ. मैं इसे समझ ही नहीं पाई, इससे बाहर आने में मुझे वक्त लगेगा. 

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गीता आगे कहती हैं कि मेरे साथ कई दोस्त खड़े रहे. कई महीनों तक उन्होंने मेरी देखभाल की. कुछ मेरे साथ रहे. परिवार, दोस्त और फराह मैम हमेशा मेरे पास रहे. उन्होंने मेरी देखभाल एक परिवार की तरह की. मेरे लिए यह एक लर्निंग एक्सपीरियंस है. यूनिवर्स का हाथ मेरे सिर पर है कि मुझे इतना प्यार करने वाले लोग दिए. इस मुश्किल घड़ी में वे मेरे साथ खड़े रहे. 

 

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