मयूरी कांगो ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मुझे तीन साल की उम्र से ही एक्टिंग का शौक था. इसकी वजह है मेरी मां, वो शुरुआत से थियेटर करती थीं. कई बार मैंने उनके प्ले में बच्चों का कोई रोल होता तो वहां काम भी किया.
मयूरी कांगो ने बताया कि बचपन में मुझे याद है कि बोलना सही से नहीं आता था, लेकिन जो डायलॉग मां को रिहर्सल करते सुनती, वो याद हो जाते थे.
मयूरी कांगो ने कहा था, "मुझे फिल्म में काम भी अचानक से मिला था. मैं मां के साथ फिल्म की शूटिंग पर गई थीं वहीं डायरेक्टर ने मुझे एक रोल ऑफर किया. मैं उस काम के लिए तैयार नहीं थी. डायरेक्टर सईद अख्तर मिर्जा ने मुझे रोल के लिए तैयार किया."
मयूरी कांगो ने बताया, "मुझे जब फिल्म ऑफर का मिला तब मेरे 12वीं के बोर्ड्स एग्जाम होने वाले थे. मैंने उनसे कहा कि एग्जाम में कैसे काम करूंगी. आखिरकार उन्होंने मुझे तैयार किया. मैंने अपना रोल किया और फिर औरंगाबाद अपने एग्जाम देने लौट गईं."
मयूरी ने बताया था, "जब औरंगाबाद में थी तभी महेश भट्ट जी का फोन आया. उन्होंने बोला- मैं फिल्म बना रहा हूं. तुम्हें बतौर लीड एक्टर काम करना होगा."
मयूरी ने बताया था, "मैंने थोड़ी देर सोचा फिर हां कर दी. लेकिन उनसे कहा, पहले स्क्रिप्ट भेजिए. मैंने कहानी पढ़ी, वो एक महिला का साफ सुथरा किरदार था. मैं ये सोचकर खुश हुई और काम करने लगी."
मयूरी के मुताबिक़ फिल्म पापा कहते हैं बहुत बड़ी हिट हुई. मुझे वो शोहरत मिली जिसका अंदाजा भी नहीं था. मुझे उसकी वैल्यू भी नहीं पता थी. मैं मानती हूं कि मुझे बिना स्ट्रगल यूं ही फिल्म इंडस्ट्री में काम और नाम मिला. लेकिन मेरा स्ट्रगल टाइम शोहरत मिलने के बाद शुरू हुआ.
मयूरी ने फिल्म इंडस्ट्री से अलग दुनिया में आज अपनी पहचान बना ली है. मयूरी कांगो ने अब गूगल इंडिया में 'इंडस्ट्री हेड एजेंसी बिजनेस' का कमान संभाल ली है. अब वो अपनी कॉरपोरेट नौकरी और शादीशुदा जीवन में खुश हैं.