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KBC 10: आतंकियों से लिया लोहा, 3 गोल‍ियां खाकर बचाई 150 की जान

ऋचा मिश्रा
  • 04 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 11:26 AM IST
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केबीसी का मंच शुक्रवार के द‍िन देश के कर्मवीरों को हॉट सीट पर आने का न्योता देता है. इस बार कौन बनेगा करोड़पत‍ि के सीजन 10 के कर्मवीर एप‍िसोड में मंच पर पहुंचा वो जाबांज ज‍िसने 26/11 को हुए मुंबई आतंकी हमले में 150 लोगों की जान बचाई. उनकी बहादुरी को सम्मान‍ित करते हुए 26 जनवरी 2009 को दिल्ली में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने शौर्य चक्र से नवाजा था.

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केबीसी में अमिताभ बच्चन ने प्रवीण का स्वागत करते हुए बताया, "वो देश के पहले द‍िव्यांग आयरनमैन हैं. प्रवीण के सम्मान में केबीसी के पूरे स्टूड‍ियो ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया."

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बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई के ताज होटल पर हुए आतंकी हमले में 150 लोगों की जान बचाने वाले मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में भटौना गांव के रहने वाले हैं.

ताज होटल मुंबई पर आतंकी हमले में सबसे पहले पहुंचने वाली भारतीय नौसेना की टीम में वह भी शामिल थे.

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हमले में रेस्क्यू के दौरान उन्हें तीन गोलियां लगी थीं. इसके बावजूद उन्होंने आतंकियों से डटकर मुकाबला किया.

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प्रवीण को हमले के दौरान तीन गोलियां लगी थीं, उन्हें ये गोल‍ियां कान और फेफड़े में लगी थी. ज‍िसकी वजह से उन्हें सुनने में भी द‍िक्कत आने लगी. वो जानते थे कि सुनने में द‍िक्कत आने के बाद वो फिर से कमांडो नहीं रह सकते हैं. लेकिन उन्हें डेस्क जॉब करना भी गंवारा नहीं था. आख‍िरकार प्रवीण ने इस्तीफा देते अपनी कमी को ही ताकत बना लिया और धावक बनकर पहचान बनाई.

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प्रवीण ने नौसेना से र‍िटायर होने के बाद एक अंतराष्ट्रीय धावक के रूप में पहचान बनाई है. उनका ये सफर भी आसान नहीं था. दरअसल, उन्होंने नेवी पर्वतीय दल के लिए आवेदन किया, लेकिन उनका आवेदन मेडकिल आधार पर खारिज कर दिया गया. तेवतिया ने फिर खुद को फिट साबित करने का फैसला किया.

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उनका ये सपना भी पूरा हुआ, प्रवीण ने 2014 में मैराथन की ट्रेनिंग शुरू की थी. आगे जाकर उन्होंने 18,380 फीट की ऊंचाई पर 12.5 घंटे में मैराथन पूरी कर पदक जीता.

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