'लाल सिंह चड्ढा' में आमिर खान के दोस्त के रोल में नजर आए, तेलुगू स्टार नागा चैतन्य की नई फिल्म 'कस्टडी' का पोस्टर बहुत कमाल का है. पुलिस की वर्दी में नजर आ रहे चैतन्य को, उनके डिपार्टमेंट के ही साथी कसकर चारों तरफ से पकड़े हुए हैं. और चैतन्य की आंखों में नजर आ रही इंटेंसिटी और चेहरे पर दिख रहा एग्रेशन बता रहा है कि वो जैसे इस पकड़ से छूटकर कोहराम मचाने को तैयार हैं.
ये मामला तो फिल्म का है, मगर रियल लाइफ में भी फैन्स को बहुत बेसब्री से थिएटर्स में चैतन्य के इस 'ब्रेक फ्री' मोमेंट का इंतजार है. 'कस्टडी' वो फिल्म लग रही है इस साल तेलुगू सिनेमा को बड़ा बॉक्स ऑफिस सरप्राइज दे सकती है. और यकीन मानिए, जिस अक्किनेनी परिवार की विरासत चैतन्य के कंधों पर है, उसे इस बात का इंतजार बहुत बेसब्री से रहेगा. अक्किनेनी परिवार, तेलुगू सिनेमा की एक बड़ी विरासत के साथ आता है.
अक्किनेनी नागेश्वर राव और उनकी विरासत
किसान परिवार में जन्मे, सिर्फ प्राइमरी तक ही पढ़े 10 साल के एक बच्चे ने जब थिएटर करना शुरू किया होगा, तब उसके पेरेंट्स को शायद ही इस बात का अंदाजा रहा हो कि वो पूरी तेलुगू इंडस्ट्री को खड़ा करने वाले दो सबसे मजबूत पिलर्स में से एक बनेगा. इस पिलर का नाम था अक्किनेनी नागेश्वर राव यानी ANR. उनके साथ जिस दूसरे लेजेंड का नाम तेलुगू सिनेमा में लिया जाता है वो थे एन. टी. रामाराव यानी NTR.
ANR का तेलुगू सिनेमा को खड़ा करने में जो योगदान रहा है, उसे एक जगह समेटकर बताना बहुत मुश्किल है. लेकिन इस योगदान के लिए उन्हें जो सम्मान मिले वही अपने-आप में उनकी विरासत की गवाही देते हैं. उन्हें भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान में से तीन- पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण, से सम्मानित किया गया था. 75 सालों में ढेरों आइकॉनिक फिल्में बनाने वाले ANR को भारत का सबसे बड़ा सिनेमा सम्मान, दादा साहब फाल्के अवार्ड दिया गया था. 1991 में जब उन्हें ये सम्मान दिया गया, तब उनके छोटे बेटे नागार्जुन ने तेलुगू इंडस्ट्री में अपने पांव जमाने शुरू कर दिए थे.
नागार्जुन- विरासत के झंडाबरदार का ढलता दौर
ANR के बेटे, नागार्जुन ने उस जनता के उस प्यार को पूरी हिफाजत से संभाल कर रखा, जो उन्हें अपने पिटा से विरासत में मिला था. उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट, अपने पिता की ही फिल्म Sudigundalu से एक्टिंग शुरू कर दी थी. करियर की शुरुआत में ही हिंदी सिनेमा को जैकी श्रॉफ जैसा स्टार देने वाली फिल्म 'हीरो' (1983) के, तेलुगू रीमेक 'विक्रम' से नागार्जुन हीरो बनकर स्क्रीन पर आए. 1986 में शुरू हुआ उनका ये सफ़र शुरुआत में ही 'मजनू' Aakhari Poratam, Janaki Ramudu, गीतांजलि, शिवा, किलर और नेति सिद्धार्थ जैसी बड़ी हिट्स से भरा रहा.
90s में थिएटर्स में राज करने वाले नागार्जुन का स्टारडम नई सदी में भी 'मास' 'किंग' और 'रगड़ा' जैसी फिल्मों से बुलंदी पर बना रहा. 2008 में आई अपनी फ्लॉप फिल्म 'कृष्णार्जुन' की भरपाई उन्होंने, उसी साल धमाकेदार हिट 'किंग' से जबरदस्त अंदाज में की. इसके बाद उनकी अगली फ्लॉप फिल्म Greeku Veerudu, सीधा 2013 में आई. मगर 2016 तक नागार्जुन ने हर साल लगातार कम से कम एक हिट देना जारी रखा.
कई साल बाद 2017 नागार्जुन के लिए वो साल रहा जब उनकी दो रिलीज में से एक Om Namo Venkatesaya फ्लॉप हो गई, और दूसरी Raju Gari Gadhi 2 फ्लॉप होने से तो बची मगर बहुत अच्छी कमाई नहीं कर पाई. 2018 में भी फिर ऐसा हुआ और जहां 'ऑफिसर' सीधा फ्लॉप हुई, वहीं 'देवदास' किसी तरह बच गई. कई सालों बाद ये पहली बार हो रहा था कि लगातार दो साल नागार्जुन के खाते में फ्लॉप फिल्में आईं. मगर ये सिलसिला यहीं नहीं रुका.
2019 और 2021 में नागार्जुन की लगातार दो फिल्में Manmadhudu 2 और Wild Dog बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गईं. 2022 में आई उनकी फिल्म 'द घोस्ट' को तो डिजास्टर कहा गया. लेकिन इसी साल उन्हें 'Bangarraju' के रूप में एक हिट फिल्म मिली. लेकिन इस फिल्म में नागार्जुन से ज्यादा बड़ा रोल उनके बेटे नागा चैतन्य का था. पिछले कुछ सालों में नागार्जुन की फिल्मों का हाल, उनके फैन्स के लिए टेंशन देने वाली बात बन गया है. लेकिन अक्किनेनी परिवार में सिर्फ नागार्जुन ही अकेले नहीं है, जिनकी फिल्मों का थिएटर्स में हश्र परेशान करने वाला रहा है.
अखिल अक्किनेनी को शुरुआत से ही मिली नाकामयाबी
2014 में आई 'मनम' अक्किनेनी परिवार के लिए एक बेशकीमती फिल्म है. इस फिल्म में अक्किनेनी परिवार की फिल्मी विरासत शुरू करने वाले ANR, नागार्जुन और नागार्जुन के बड़े बेटे चैतन्य तीनों थे. इसी फिल्म में नागार्जुन के छोटे बेटे अखिल से जनता पहली बार इंट्रोड्यूस हुई, जो एक कैमियो कर रहे थे. नागार्जुन ने 1992 में एक्ट्रेस अमाला से दूसरी शादी की थी. इस शादी से उनके बेटे हैं अखिल.
अखिल का बतौर हीरो डेब्यू 2015 में हुआ. जो हीरो का नाम था, वही पिक्चर का नाम था- अखिल. ये फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हुई. 2017 में अखिल दो साल के ब्रेक के बाद 'हेलो' के साथ लौटे, मगर इस बार भी हाल वही रहा. और 2019 में आई 'मिस्टर मजनू' से उन्होंने करियर की शुरुआत में ही फ्लॉप की हैट्रिक लगा दी. 2021 में आई अखिल की चौथी फिल्म 'मोस्ट एलिजिबल बैचलर' आखिरकार उनकी पहली हिट बनी.
अखिल की पांचवी फिल्म 'एजेंट' पिछले शुक्रवार ही रिलीज हुई है. जनता की उम्मीदों के बावजूद 'एजेंट' का बॉक्स ऑफिस पर वो हश्र हुआ कि इसे दो दिन में ही फ्लॉप घोषित कर दिया गया. नागार्जुन की पिछली फिल्मों की नाकामयाबी के साथ, अखिल का करियर भी अक्किनेनी परिवार के लिए टेंशन की वजह बन रहा है. ऐसे में परिवार की पूरी विरासत का जिम्मा फिलहाल नागार्जुन के बड़े बेटे चैतन्य ही संभाल रहे हैं.
'युवा सम्राट' चैतन्य
नागार्जुन ने पहली शादी 1994 में, तेलुगू एक्टर वेंकटेश डग्गुबाती की बहन लक्ष्मी डग्गुबाती से की थी. इस शादी से उनके बड़े बेटे चैतन्य का जन्म हुआ. चैतन्य के डेब्यू की कहानी, अखिल से बहुत अलग नहीं रही थी. 2009 में आई उनकी पहली फिल्म 'जोश' बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही थी. लेकिन 2010 में जानदार डायरेक्टर माने जाने वाले गौतम मेनन के साथ उनकी फिल्म Ye Maaya Chesave, ठीकठाक कामयाबी करने में कामयाब रही. इसके अगले साल उनके खाते में '100% Love' सुपरहिट बनकर आई, तो दो फ्लॉप फिल्में भी जुड़ गईं.
2014 में अपने पिता और दादा के साथ चैतन्य की फिल्म 'मनम' ने उन्हें पहली बड़ी कामयाबी दिलाई. और इसी साल उनकी फिल्म Oka Laila Kosam भी हिट रही. लेकिन 14-15 में उनके खाते में एक-एक फ्लॉप फिल्म भी आईं. 2016 से 2018 तक उनकी एक फिल्म हर साल बड़ी हिट होने लगी और लोगों को अक्किनेनी परिवार में एक नया उभरता स्टार दिखने लगा. हालांकि, इन्हीं सालों में उनकी एक-एक फिल्म फ्लॉप भी होती रही मगर चैतन्य फाइनली अपनी कॉलेज बॉय वाली इमेज से बाहर आकर, एक्टिंग से क्रिटिक्स को इम्प्रेस करने लगे.
2019 और 2021 में उनकी फिल्में 'माजिली' 'वेंकी मामा' और 'लव स्टोरी' बड़ी हिट्स रहीं. पिछले साल चैतन्य की 'Bangarraju' बड़ी हिट जरूर रही लेकिन 'थैंक यू' बुरी तरह फ्लॉप हो गई. ऊपर से उनकी डेब्यू हिंदी फिल्म, आमिर खान के लीड रोल वाली 'लाल सिंह चड्ढा' भी फ्लॉप हो गई. फिर भी चैतन्य को उनके काम के लिए तारीफ ही मिली थी.
पिता और भाई के स्ट्रगल करने के दौर में, अक्किनेनी परिवार का झंडा चैतन्य ही बुलंद किए हुए हैं. सिर्फ तेलुगू बोलने वाली जनता ही नहीं, बल्कि साउथ की ऑडियंस अपने फिल्म स्टार्स की बहुत पक्की फॉलोअर होती है. और जनता का ये प्यार एक्टर्स को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता रहता है. ये नेपोटिज्म जरूर है, लेकिन साउथ के फिल्म फैन्स अपने चहेते स्टार में अपना चेहरा देखते हैं, इसलिए अपने स्टार्स को पूजते हैं. और फैन्स का ये प्यार सूटेबल वारिस भी खोजता है.
तेलुगू इंडस्ट्री में अल्लू अर्जुन, जूनियर एनटीआर, प्रभास और राम चरण अपने-अपने परिवारों की विरासत को शान से आगे बढ़ा रहे हैं. ऐसे में अक्किनेनी परिवार के चाहनेवाले भी चाहते हैं कि नई पीढ़ी में उनके चहेते परिवार का भी एक चेहरा हो. 12 मई को थिएटर्स में रिलीज होने जा रही 'कस्टडी' के लिए जनता की उम्मीद बहुत ऊपर होने का ये भी एक कारण है. अब सारी नजरें इस तरफ रहेंगी कि क्या ये फिल्म उस तरह की बड़ी हिट बन पाएगी, जिसकी उम्मीद की जा रही है?
सुबोध मिश्रा