जबसे मार्वेल ने अपने फेज 4 से 'मल्टिवर्स' की शुरुआत की, तब से उसका हाल बेहाल सा हो गया था. ऑडियंस का सिर घुमाने वाली कहानियां और कॉन्सेप्ट मार्वेल के सिनेमैटिक यूनिवर्स पर भारी पड़ा. जहां एक वक्त पर मार्वेल की हर फिल्म अपनी एक अलग कहानी लेकर आया करती थी, वहीं अब उनकी हर फिल्में आपस में 'मल्टिवर्स' के कारण जुड़ती हैं जिसे समझने में ऑडियंस को परेशानी महसूस होती है. मगर अब लगता है कि मार्वेल अपनी गलती सुधारने के लिए तैयार है.
मार्वेल ने अपनी फैमिली में नए सदस्यों 'द फैंटास्टिक फोर' का स्वागत किया है. ये मार्वेल कॉमिक्स से निकले वो सुपरहीरोज हैं जिन्हें हम अपने बचपन में एक बार तो देख ही चुके होंगे. अब उनकी एंट्री ऑफिशियली मार्वेल के फेज 6 से हो चुकी है जिसके बाद इस सिनेमैटिक यूनिवर्स को लेकर ऑडियंस का क्रेज काफी ज्यादा बढ़ चुका है. लेकिन क्या 'द फैंटास्टिक फोर: फर्स्ट स्टेप्स' मार्वेल के आने वाली फिल्मों को सही तरीके से सेटअप कर पाई है? आइए, आपको बताते हैं.
कौन हैं 'फैंटास्टिक फोर'? क्या है उनकी कहानी?
'फैंटास्टिक फोर' दरअसल चार स्पेस साइंटिस्ट्स रीड रिचर्ड्स उर्फ मिस्टर फैंटास्टिक (Pedro Pascal), सू स्टॉर्म उर्फ इनविजिबल वुमन (Vanessa Kirby), जॉनी स्टॉर्म उर्फ ह्यूमन टॉर्च (Joseph Quinn) और बेन ग्रिम उर्फ द थिंग (Ebon Moss-Bachrach) की कहानी है. जो अपने एक स्पेस मिशन के दौरान कॉस्मिक किरणों की चपेट में आए, जिसकी वजह से उन्हें कुछ सुपर पावर्स भी मिलीं.
उनकी कहानी 1960s के अमेरिका में स्थित हैं जहां ये लोगों की नजरों में अपने कारनामों के कारण हीरोज हैं. रीड और सू, एक कपल हैं जो अपनी जिंदगी में एक नए बच्चे का स्वागत करने वाले हैं. जॉनी और बेन भी अब अंकल बनने वाले हैं जिसकी खुशी पूरे परिवार को है. लेकिन तभी एक 'सिल्वर सर्फर गर्ल' शल्ला-बाल (Julia Garner) की एंट्री होती है जो फैंटास्टिक फोर को उनकी दुनिया पृथ्वी खत्म होने वाली है, इसकी चेतावनी देकर जाती है.
गैलेक्ट्स (Ralph Ineson) जो अपनी भूख ब्रह्मांड के ग्रहों को खाकर खत्म करता है, अब वो पृथ्वी को भी खत्म करना चाहता है. वो फैंटास्टिक फोर से एक ऐसी चीज की मांग करता है जिसकी कुर्बानी देना उनके लिए आसान नहीं है. सू, रीड, जॉनी और बेन को मिलकर अपनी दुनिया और अपने बच्चे को भी बचाना है. रीड एक तेज दिमाग वाला साइंटिस्ट है जो अपनी चालाकी के कारण दुनिया और अपने परिवार को भी खतरे में डालता है. अब क्या फैंटास्टिक फोर पृथ्वी को गैलेक्ट्स से बचा पाएंगे? ये आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा.
इमोशन्स की भरमार, कैसे दिल छूती है 'फैंटास्टिक फोर' की कहानी?
मार्वेल के नए 'फैंटास्टिक फोर' की कहानी सभी के दिलों को छूने का दमखम रखती है. इस बार उन्हें सिर्फ अपनी दुनिया ही नहीं, बल्कि अपने परिवार की भी सुरक्षा करनी है. गैलेक्ट्स एक निर्दयी विलन है जिसे किसी की परवाह किए बिना अपनी भूख मिटानी है. वो जिस भी ग्रह को चाहे खा सकता है, जिसमें उसका साथ शल्ला-बाल देती है. हालांकि उसकी कहानी में भी एक अतीत का दर्द छिपा है.
'फैंटास्टिक फोर' में एक बच्चे की एंट्री हुई है जो हम सभी की उम्मीदों से कई ज्यादा रोचक किरदार है. अब इस बच्चे में ऐसा क्या खास है, ये यहां बताने वाली चीज नहीं है. वरना आपका फिल्म देखने का मूड खराब हो जाएगा. लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि इस बच्चे के भरोसे मार्वेल का पूरा भविष्य टिका है. सू यानी इनविजिबल वुमन का किरदार भी इस फिल्म में उतना ही अहम है जितना बाकी किरदारों का है. 'फैंटास्टिक फोर' की कहानी में इमोशन्स की भरमार है.
कहानी जानने के लिए यहां देखें 'फैंटास्टिक फोर' का ट्रेलर:
सटीक स्क्रीनप्ले, ठेठ मार्वेल फिल्म से कैसे अलग है 'फैंटास्टिक फोर'?
'फैंटास्टिक फोर' का स्क्रीनप्ले काफी सटीक रखा गया है. इसकी कहानी अपना विलन सेटअप करने में ज्यादा समय नहीं लगाती है. ये अपना मुद्दा आपको पहले आधे घंटे में ही समझा देती है कि आखिर ये फिल्म आगे चलते-चलते कैसे जाने वाली है. फिल्म में डायरेक्टर मैट शेकमैन ने कोई फाल्तू सीन्स नहीं डाले हैं जिससे ऑडियंस का टाइम वेस्ट हो. ना ही इसमें कोई हाई-एंड एक्शन सीन्स हैं जिसे देखकर आप उब जाएं.
मार्वेल ने अपनी इस फिल्म को सिर्फ कहानी के दम पर ऑडियंस के सामने उतारा है जिसे देखना शुरू से लेकर अंत तक काफी दिलचस्प रहा. हां, ये मानने वाली बात है कि इसमें कोई खास 'वाओ' मोमेंट्स नहीं हैं जिससे आप इसे देखने में एक्साइटेड फील करें. 'फैंटास्टिक फोर' आपको अपनी सीट से बांधे जरूर रखती है, मगर इसमें कम वाओ मोमेंट्स होने के कारण ये एक ठीक-ठाक मार्वेल फिल्म बनकर रह गई है जिसे आप अपने परिवार के साथ बिना किसी झिझक देख सकते हैं.
फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक भी काफी दमदार है जो थिएटर में सुनना एक अलग एक्सपीरियंस देता है. एक्टर्स की एक्टिंग भी काफी अच्छी है. पेड्रो पास्कल जो आमतौर पर इमोशनल और ड्रामा वाली फिल्में किया करते हैं, उन्होंने भी इस फिल्म में अच्छा परफॉरमेंस दिया है. उनका साथ वैनेसा किर्बी ने बखूबी निभाया है. वहीं जॉनी के किरदार में जोसेफ क्विन की कॉमिक टाइमिंग भी जबरदस्त लगी. एबोन मॉस बचराच ने 'द थिंग' के किरदार में अपने इमोशन्स को काफी अच्छे से ऑडियंस के सामने प्रेजेंट किया.
आखिर क्यों मार्वेल की दुनिया में अहम हैं 'द फैंटास्टिक फोर'?
फिल्म में मार्वेल की प्रथा अनुसार दो क्रेडिट सीन्स भी हैं जो आगे वाले सिनेमैटिक यूनिवर्स को सेटअप करने का काम करेंगे. 'द फैंटास्टिक फोर' शायद इस समय मार्वेल के सिनेमैटिक यूनिवर्स की सबसे अहम कड़ी में से एक हैं. क्योंकि उनका सबसे बड़ा विलन डॉ. विक्टर डूम अब अवेंजर्स की दुनिया में कदम रखने वाला है. माना जाता है कि डॉ. डूम मार्वेल कॉमिक्स का सबसे खतरनाक विलन होगा जो अवेंजर्स को कड़ी से कड़ी टक्कर देगा.
डॉ. डूम और रीड की आपसी लड़ाई का भी एक पूरा इतिहास है जिसके तर्ज पर मार्वेल की अगली सबसे बड़ी फिल्म 'अवेंजर्स: डूम्सडे' भी टिकी हुई है. बता दें कि डॉ. डूम का किरदार आने वाली फिल्मों में एक्टर रॉबर्ट डाउनी जूनियर प्ले करेंगे, जिन्होंने इससे पहले इसी सिनेमैटिक यूनिवर्स में आयरन मैन का रोल प्ले किया था. फैंस उन्हें इस नए अवतार में देखने के लिए काफी एक्साइटेड हैं.
बात करें 'द फैंटास्टिक फोर: फर्स्ट स्टेप्स' की तो अगर आप मार्वेल की आने वाली फिल्म 'अवेंजर्स: डूम्सडे' का इंतजार कर रहे हैं, तो इसीव फिल्म का देखना आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है. वहीं अगर आप पुरानी 'फैंटास्टिक फोर' फिल्म्स के दीवाने रहे हैं और अपना बचपन एक बार फिर से जीना चाहते हैं, तो इस नए 'द फैंटास्टिक फोर' को एक मौका जरूर दे सकते हैं.
पर्व जैन