उदित नारायण के Kiss विवाद से अबु मलिक को लगा था झटका, बोले- ये भूख है

म्यूजिक कम्पोजर अबू मलिक ने सिंगर उदित नारायण के एक फैन को Kiss करने के विवाद पर बात की. मलिक ने कहा, 'भगवान जाने क्या है. मुझे तो झटका लगेगा यह सोचकर कि आप किसी को बस पकड़ लें और किस कर लें.'

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उदित नारायण के Kiss विवाद पर बोले अबू मलिक (File Photo) उदित नारायण के Kiss विवाद पर बोले अबू मलिक (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:58 AM IST

म्यूजिक कम्पोजर अबू मलिक ने उदित नारायण के फीमेल फैन को Kiss करने के विवाद पर अपनी राय दी है. सिंगर उदित नारायण का एक वीडियो इस साल की शुरुआत में वायरल हुआ था. इसमें वे कथित तौर पर एक महिला फैन को Kiss करते दिखे, जब वह सेल्फी लेते हुए उनके करीब आई थी. वायरल वीडियो में उदित नारायण, फिल्म 'मोहरा' के अपने फेमस गाने 'टिप टिप बरसा पानी' को गा रहे थे. इस वीडियो पर जमकर विवाद हुआ था.

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अबू मलिक ने विवाद पर की बात

विक्की लालवानी के साथ इंटरव्यू में म्यूजिक कम्पोजर अबू मलिक ने इस वीडियो पर अपना रिएक्शन दिया. उन्होंने कहा, 'शायद भूख है, मानवीय संगति की भूख. भगवान जाने क्या है. मुझे तो झटका लगेगा यह सोचकर कि आप किसी को बस पकड़ लें और किस कर लें. यह अजीब है यार. यह हताशा है. इतनी हताशा नहीं होनी चाहिए. आपके पास सब कुछ है. दुनिया की हर चीज का इंतजाम कर सकते हैं. जिंदगी में इतनी हताशा की जरूरत नहीं.'

उन्होंने आगे कहा, 'यह छोटा सा काम है. करो, वापस जाओ, विनम्र रहो, और भगवान का शुक्रिया अदा करो कि सड़क से उठकर यहां तक पहुंचे. अबू ने ये भी कहा कि उदित नारायण विनम्र इंसान हैं. वो बोले, 'अच्छे आदमी हैं, विनम्र हैं, लेकिन उनका सिर बादलों में है. गर्मजोशी से मिलते हैं. ठीक हैं.'

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कुमार सानू हैं अहंकारी

जिस गायक को अबू मलिक ने 'अहंकारी' बताया, वह कुमार सानू हैं. अबू मलिक ने कहा, 'जिस तरह वे बात करते हैं, चलते हैं, घूमते-फिरते हैं, वह अहंकारी इंसान हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि कोई उन्हें यह नहीं बताता. अब अचानक राजनीतिज्ञ कैसे बन गए? राजनीति और धर्म की बात करने लगते हैं, लेकिन आप तो सिर्फ गायक हैं भाई.'

उन्होंने कुमार सानू को लेकर आगे कहा, 'वे मोर की तरह इठलाते हैं जैसे दुनिया जीत ली हो. क्या हासिल किया है? बस गाने गाते हो. अहंकार, घमंड, सब कुछ है. ज्यादातर गायक ऐसे ही होते हैं. यह उस एक्टर पर निर्भर करता है जो उसमें है, संगीतकार पर, गीतकार पर, रिकॉर्डिस्ट पर. एक गाना बनाने में पूरा गांव लगता है और क्रेडिट गायक को मिलता है?'

अबू का मानना है कि फिल्म और संगीत इंडस्ट्री संगीतकारों के खिलाफ पक्षपाती है. उन्होंने तर्क दिया, 'संगीत निर्देशक गाना कंपोज करने के लिए बहुत मेहनत करता है और प्रोड्यूसर से हर चीज के लिए लड़ता है. और गायक आता है और मालिकाना हक छीन लेता है. यही इतिहास रहा है, लता मंगेशकर से लेकर अरमान मलिक तक. संगीतकार को कोई तारीफ नहीं मिलती.'

उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर का गाना बिना नौशाद और मदन मोहन जैसे दिग्गज संगीतकारों के योगदान को स्वीकार किए बिना नहीं सुना जा सकता. उन्होंने कहा, 'उस समय के टॉप पांच संगीतकारों को छोड़कर बाकी सभी मेरे पिता (सरदार मलिक) सहित पीछे हो गए थे क्योंकि गाने का क्रेडिट गायक को जाता है. वे करोड़ों कमा रहे हैं और संगीतकारों को कुछ नहीं मिलता.'

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अबू ने इंडियन परफॉर्मिंग राइट्स सोसाइटी (IPRS) द्वारा संगीतकारों को उनका हक दिलाने के योगदान को स्वीकार किया. लेकिन उनका मानना है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का पुराना कहावत अभी भी सही है, 'जब तक कोई महान कर्म नहीं करता, तब तक उसके घर में गायक या अभिनेता पैदा नहीं होता.' उन्होंने कहा, 'कमाई तो सिर्फ गायक और एक्टर करते हैं. संगीतकारों की कोई बराबरी नहीं. करियर ग्राफ यहां (ऊंचा) और यहां (नीचा) है. यही फर्क है.'

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