15 मिनट में थिएटर से हट गई थी शक्ति कपूर की फिल्म, हुई महा फ्लॉप, एक्टर बोले- हीरो नहीं बना

हाल ही में शक्ति ने उस दौर को याद किया जब उन्होंने टाइपकास्टिंग से बाहर निकलने और हीरो की भूमिकाएं निभाने की कोशिश की थी. उस समय बॉलीवुड में एक बार अगर कोई एक्टर किसी खास तरह की भूमिका से जुड़ जाता था, तो उस इमेज से बाहर निकलना लगभग नामुमकिन हो जाता था.

Advertisement
शक्ति कपूर हुए थे 'जख्मी' (Photo: IMDb) शक्ति कपूर हुए थे 'जख्मी' (Photo: IMDb)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:10 PM IST

शक्ति कपूर बॉलीवुड के सबसे पॉपुलर विलेन में से एक रहे हैं. उनका करियर 80 के दशक में शुरू हुआ था. 90 के दशक में हिंदी सिनेमा में खलनायकी भूमिका निभाते हुए उन्होंने अपनी ऐसी पहचान बना ली थी कि देशभर की लड़कियां उनसे डरती थीं. इसके बाद वो दौर भी आया जब उन्हें कॉमेडी करते देखा गया. हाल ही में शक्ति ने उस दौर को याद किया जब उन्होंने टाइपकास्टिंग से बाहर निकलने और हीरो की भूमिकाएं निभाने की कोशिश की थी. उस समय बॉलीवुड में एक बार अगर कोई एक्टर किसी खास तरह की भूमिका से जुड़ जाता था, तो उस इमेज से बाहर निकलना लगभग नामुमकिन हो जाता था.

Advertisement

कौन था शक्ति कपूर की प्रेरणा?

शक्ति कपूर कहते हैं कि उन्होंने यह कोशिश की और इसके चलते वे 'जख्मी' हो गए. एक हालिया इंटरव्यू में एक्टर ने कहा कि उन्हें विनोद खन्ना से प्रेरणा मिली थी, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत नेगेटिव रोल से की थी, लेकिन बाद में सफलतापूर्वक हीरो की भूमिकाओं में ट्रांजिशन कर लिया. एक दूसरे एक्टर जिन्होंने यह कारनामा किया वह शाहरुख खान हैं, जिन्होंने 'अंजाम' और 'डर' जैसी फिल्मों में ग्रे कैरेक्टर निभाए लेकिन फिर बॉलीवुड के हीरो बनकर उभरे.

द पावरफुल ह्यूमन्स को दिए इंटरव्यू में शक्ति ने कहा, 'मेरा फेवरेट विलेन विनोद खन्ना थे, जब वे नेगेटिव रोल करते थे. वे इतने हैंडसम थे. मैंने कभी इस तरह की मेल ब्यूटी नहीं देखी. मुझे यकीन था कि वे हीरो बनेंगे. वे ही थे जिन्होंने मुझे फिल्म जख्मी इंसान में हीरो बनने के लिए इंस्पायर किया. मुझे लगा कि मेरे पास भी हीरो वाला चेहरा है और मैं भी मेल लीड प्ले कर सकता हूं.'

Advertisement

महाफ्लॉप हुई फिल्म

शक्ति कपूर ने 1980 की फिल्म 'जख्मी इंसान' में काम किया था, जिसे हिंदी सिनेमा की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्मों में गिना जाता है. उन्होंने बताया, 'फिल्म का नाम था जख्मी इंसान. इसने मुझे, प्रोड्यूसर को, डायरेक्टर को, डिस्ट्रीब्यूटर को और दर्शकों को जख्मी कर दिया. फिल्म 12 बजे लगी और 12:15 पर उतार दी गई. पंद्रह मिनट में उतर गई. इतनी बड़ी हिट थी. उसके बाद मैंने कभी हीरो की भूमिका निभाने की हिम्मत नहीं की.'

शक्ति ने पहले कहा था कि 'जख्मी इंसान' के फ्लॉप होने के बाद उन्हें विलेन के रोल के लिए गिड़गिड़ाना पड़ा, जबकि पहले वे ऐसे रोल बेझिझक ठुकरा रहे थे. उन्होंने कहा, 'उससे पहले मैंने जिनके साथ भी विलेन के तौर पर काम किया था, सबको बता दिया था कि अब मैं ऐसे रोल नहीं करूंगा, क्योंकि मैं अब हीरो हूं. फिल्म रिलीज होने के बाद मैं सबके पास वापस गया और अपने विलेन रोल के लिए फिर से गिड़गिड़ाने लगा.'

शक्ति कपूर का मानना है कि हिंदी सिनेमा में विलेन कैरेक्टर अब काफी हद तक खत्म हो गया है. उन्होंने कहा, 'पहले हीरो, विलेन, हीरोइन, वैंप और कॉमिक कैरेक्टर होता था. अब समय बदल गया है और मेल एक्टर्स में अब हर तरह के शेड्स होते हैं.'

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement