दिबाकर बैनर्जी के बनाए सिनेमा से बिजनेस के आंकड़े भले बहुत बड़े न निकलते हों, मगर उनकी सभी फिल्मों ने ऑडियंस के दिमाग पर तगड़ा असर जरूर छोड़ा है. 'ओये लकी लकी ओये', 'खोसला का घोंसला', 'लव सेक्स और धोखा', 'शंघाई' और 'डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी' जैसी बेहतरीन फिल्में दिबाकर की फिल्मोग्राफी में शामिल हैं.
पक्के सिनेमा लवर्स में दिबाकर का एक अलग स्टेटस है और उनके नए काम का इंतजार किया जाता है. अब उनकी नई फिल्म 'लव सेक्स धोखा 2' थिएटर्स में रिलीज होने जा रही है. ये दिबाकर का पहला सीक्वल प्रोजेक्ट है और 'लव सेक्स और धोखा' की लीगेसी देखते हुए इससे भी काफी उम्मीदें की जा सकती हैं.
हिंदी सिनेमा पर छाप छोड़ने वाली 'लव सेक्स और धोखा'
2010 में आई 'लव सेक्स और धोखा' (LSD) का नैरेटिव स्टाइल, शूट करने का स्टाइल और एक्टर्स सबकुछ अपने आप में बहुत नया था. इस फिल्म का फ्लेवर, तेवर और कलेवर फिल्ममेकिंग के सेट पैटर्न को बहुत तोड़ने वाला था. ये शायद पहली फिल्म थी जिसके टाइटल में 'सेक्स' था. दिबाकर ने इसे शूट बहुत अलग तरीके से किया था. हैंडीकैम, स्पाईकैम, और सीसीटीवी कैमरों के जरिए एक थर्ड पर्सन पॉइंट ऑफ व्यू से शूट किया गया था.
मतलब, एक खास इफेक्ट स्क्रीन पर लाने के लिए, खास सेटिंग के साथ, खास जगह कैमरा रख के शूट करने वाला स्टाइल नहीं था. आपको ऐसा लगता है जैसे चीजें नेचुरली अपने-आप हो रही थीं और बस किसी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई हैं, जैसा अक्सर सीसीटीवी के साथ होता है. इसी को फिल्म मेकिंग की जुबान में 'फाउंड फुटेज' स्टाइल कहा जाता है.
फिल्म में एक सेक्स सीन था, जिसकी चर्चा खूब हुई थी, मगर बस इतना ही था. इसके अलावा जिसने भी ऐसे किसी सनसनीखेज सीन के लिए फिल्म देखी होगी, उसे निराशा ही हाथ लगी होगी. वजह ये थी कि 'लव सेक्स धोखा' जैसा भड़काऊ नाम होने के बावजूद, फिल्म असल में लोगों की नैतिकताओं पर सवाल उठाती थी. तीन अलग-अलग कहानियों में दलित एंगल, खबरों का सनसनीखेज हो जाना और प्यार बनाम पैसे जैसी बातें थीं.
LSD का एक सीन फिल्म लवर्स को आजतक याद है. एक किरदार रश्मि (नेहा चौहान) बैठकर रोता दिख रहा है. लेकिन कैमरा उसके सामने नहीं है, उसे ऊपर से शूट कर रहा है. जैसे शायद दीवार पर लगे सीसीटीवी से कोई रोता हुआ दिखे. आपको सिर्फ रश्मि के कंधे हिलते हुए दिखते हैं और उसकी सिसकियां सुनाई देती हैं. इस सीन का असर जनता को बहुत समय तक याद रहा था. दिबाकर ने LSD से इंडस्ट्री को राजकुमार राव, नुशरत भरूचा, अंशुमन झा जैसे कमाल के कलाकार दिए थे.
LSD 2 के पैकेज में क्या है?
पहली फिल्म में दिबाकर ने लोगों की जिंदगियों में बिना इजाजत घुसते कैमरों और लोगों पर इसके असर की बात की थी. इस थीम के अंदर उन्होंने दलित एंगल, बेरोजगारी, सपने और खबरों के बाजार की कहानी दिखाई थी.
LSD 2 में दिबाकर का प्लॉट उस एंगल पर बेस्ड है जो हमारे दौर का बहुत बड़ा सच है. इस बार कहानी, कैमरे के लिए जीने वाले लोगों पर बेस्ड है. सोशल मीडिया धीरे-धीरे फोटोज से हटकर वीडियोज पर फोकस हो गया है और कितने ही ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स हैं जो इरादतन कैमरों के लिए ऐसा कंटेंट बना रहे हैं, जैसे वही उनकी रियल लाइफ हो. जैसा कि दिबाकर ने हाल ही के एक इंटरव्यू में कहा कि अब लोगों को भी इस बात की आदत हो गई है कि कैमरा और उसके पार की दुनिया उन्हें देख रहे हैं.
ऐसे में लोगों का बर्ताव भी इस कॉन्शसनेस से बदल चुका है और अब तो 'यूट्यूबर्स' और 'इन्फ्लुएंसर्स' की पूरी कम्युनिटी है, जो कैमरे के लिए ही जीती है. यही फंडा रियलिटी शोज में चल पड़ा है. पहले का दौर अलग था जब कैमरे रियलिटी कैप्चर कर रहे थे, अब कैमरे के लिए एक रियलिटी मैनुफक्चर करने का दौर है. दिबाकर इस थीम को तीन अलग किरदारों की कहानियों में लेकर आ रहे हैं.
नूर (पारितोष तिवारी), एक लड़का है जो फीमेल होने के ट्रांजीशन में है. वो एक रियलिटी शो का हिस्सा है. दूसरा किरदार एक यूट्यूबर है जिसका नाम गेम पापी (अभिनव सिंह) है. ट्रेलर में नजर आया कि उसका एक इंटिमेट वीडियो वायरल हो जाता है. जबकि तीसरा किरदार एक ट्रांसवुमन है जिसका नाम कुलु (बोनिता राजपुरोहित) है. उसकी कहानी एक लव स्टोरी में नजर आ रही है, जिसमें उसके साथ कुछ धोखा हो जाता है.
सोशल मीडिया से चिपकी रहने वाली दुनिया में, LSD 2 के पास ऑडियंस को एंगेज रखने वाला कंटेंट पूरा नजर आ रहा है. दिबाकर ने इस बार भी अपने तीनों किरदारों के लिए, तीन न्यूकमर्स लिए हैं. ट्रेलर में पारितोष, अभिनव और बोनिता का काम बहुत इम्प्रेसिव नजर आ रहा है. फिल्म में इन्होंने क्या कमाल किया है ये भी बस अब कुछ ही घंटों में पता चल जाएगा.
अच्छा सरप्राइज लेकर आई थी पहली फिल्म
'लव सेक्स और धोखा 2' अपने बेसिक स्ट्रक्चर में पहली फिल्म का एक परफेक्ट सीक्वल नजर आ रही है. ट्रेलर में ही इसका कंटेंट काफी सनसनीखेज नजर आ रहा है और इसने ऑडियंस को शॉक और सरप्राइज दोनों दे दिया है. एक्टर्स दमदार हैं और दिबाकर का ट्रैक रिकॉर्ड फिल्म में भरोसा रखने की एक बड़ी वजह है. बॉक्स ऑफिस इंडिया के अनुसार, 2010 में रिलीज हुई LSD 5 करोड़ रुपये से कम के बजट में बनी थी. इसका वर्ल्डवाइड बिजनेस 11 करोड़ से ज्यादा था. यानी लिमिटेड बजट, लिमिटेड रिलीज और बड़ा प्रॉफिट.
LSD 2 का हिसाब भी ऐसा है, ये भी कम बजट में, लिमिटेड रिलीज साइज के साथ आएगी. मेकर्स के लिए टेंशन वाली बात केवल इतनी है कि फिल्म का माहौल बहुत जोरदार नहीं नजर आ रहा. मगर इस साल वर्ड ऑफ माउथ के भरोसे फिल्में चलने का ट्रेन्ड नजर आ रहा है. 'आर्टिकल 370' और 'तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया' के साथ-साथ 'लापता लेडीज' जैसी छोटी फिल्म ने भी सॉलिड बिजनेस किया है.
LSD 2 का सारा खेल भी रिलीज के बाद बन रहे माहौल पर डिपेंड करेगा. फिल्म क्या कमाल करेगी, ये रिलीज के दिन यानी शुक्रवार, 19 अप्रैल से नजर आना शुरू हो जाएगा.
सुबोध मिश्रा