'पापा को जाने दो...', बेटी श्वेता की बात सुन जया बच्चन को लगा था बुरा, छोड़ दी थी फिल्में

जया बच्चन ने बच्चों की परवरिश के लिए एक्टिंग से ब्रेक लिया था. वो बेटी श्वेता को पूरा समय देना चाहती थीं. लेकिन जब बेटी की शादी हुई तो वो बहुत अकेला महसूस करने लगी थीं. तब उन्होंने कमबैक करने का तय किया था. इस बारे में जया ने खुद बात की.

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जया ने श्वेता के लिए लिया था ब्रेक (Photo: Instagram @ShwetaB) जया ने श्वेता के लिए लिया था ब्रेक (Photo: Instagram @ShwetaB)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:50 PM IST

जया बच्चन ने बच्चों की परवरिश के बाद से ही फिल्मी दुनिया से ब्रेक ले लिया था. वो बताती हैं कि एक ऐसा दिन आया जब बेटी श्वेता ने उनसे काम पर ना जाने की बात कही. वो मासूमियत उनके दिल को छू गई थी. लेकिन जब वही बेटी शादी करके अपने घर विदा हुई तो जया अकेला महसूस करने लगी थीं. 

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जया बच्चन ने अभिनय क्यों छोड़ा

जया ने बताया कि वो शूट पर जाने से पहले घर पर ही मेकअप कर लेती थीं, ताकि वो अपनी बेटी के साथ थोड़ा ज्यादा वक्त बिता सकें. उन्होंने कहा, “मेरी बेटी नाराज होती है जब मैं ये बात कहती हूं. मैं घर पर मेकअप कर लेती थी ताकि उसके साथ ज्यादा समय मिल सके. एक दिन उसने पूछा कि मैं क्या कर रही हूं. मैंने कहा- शूट के लिए मेकअप. तब उसने कहा, ‘आप मत जाओ, पापा को जाने दो.’ ये सुनकर मुझे बहुत फील हुआ. उसकी देखभाल करने वाले लोग थे घर में, जॉइन्ट परिवार था, लेकिन बच्चे को अपनी मां ही चाहिए होती है. उसने ये बात बहुत मासूमियत से कही.”

जया ने आगे कहा, “मुझे लगा अब थोड़ा पीछे हटने का समय आ गया है. मैंने फिल्मों को मना करना शुरू कर दिया. वैसे भी मुझे बार-बार एक जैसी भूमिकाएं मिल रही थीं. या तो गुड्डी जैसी, या उपहार जैसी, या फिर अभिमान जैसी. इनमें कोई बीच का रास्ता नहीं था. मैं कुछ अलग करना चाहती थी, लेकिन कुछ नया मिल नहीं रहा था. मुझे मां और पत्नी की भूमिका ज्यादा दिलचस्प लगने लगी, बजाय फिल्म करने के.”

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श्वेता की शादी के बाद महसूस किया अकेलापन

1997 में जब श्वेता की शादी निखिल नंदा से हुई, तो जया को अंदर से अकेलापन महसूस हुआ और उन्होंने फिल्मों में वापसी का फैसला किया. उन्होंने कहा, “श्वेता की शादी के बाद मुझे बहुत अकेलापन महसूस हुआ. मैं कभी इतनी परेशान नहीं हुई जितनी उसकी शादी के समय हुई. मुझे समझ नहीं आया क्या हुआ, मैं रोना बंद ही नहीं कर पा रही थी. मैं उसकी परवरिश के दौरान सख्त मां थी, लेकिन शादी के बाद जैसे कुछ छूट गया हो. सौभाग्य से गोविंद निहलानी मेरे पास हजार चौरासी की मां लेकर आए, और मैंने हां कर दी.”

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