फराह खान ने 2004 में शिरीष कुंदर से शादी की थी, लेकिन शादी के तुरंत बाद ही वो एक बेहतरीन कोरियोग्राफर से डायरेक्टर के तौर पर भी बेहद सफल हो गईं. उनकी पहली डायरेक्टेड फिल्म मैं हूं ना, जिसमें शाहरुख खान थे, सुपरहिट साबित हुई. इसके बाद उन्होंने ओम शांति ओम (2007) बनाई, जो उससे भी बड़ी हिट रही.
पति-पत्नी के बीच आई सफलता
शिरीष पहले फराह की फिल्मों में एडिटर थे, अपनी डायरेक्टेड फिल्मों में वो उस सफलता दोहरा नहीं पाए. उनकी पहली फिल्म जान-ए-मन (2006) और जोकर (2012) दोनों असफल रहीं. फराह ने एक बार कहा था कि, “हमने 12 साल की बहुत ज्यादा सफलता और बहुत ज्यादा असफलता झेली है. मैं उन्हें बहुत क्रेडिट देती हूं क्योंकि उन्हें मेरे साथ शादी करने का भार उठाना पड़ता है.”
फराह ने आगे कहा कि उनके रिश्ते में कभी भी अभिमान वाला भाव नहीं आता. यह वही भाव है जिसे 1973 की फिल्म अभिमान में दिखाया गया था, जिसमें अमिताभ बच्चन अपनी पत्नी (जया बच्चन) की सफलता से जलने लगते हैं. फराह ने कहा, “लोग बहुत बातें करते हैं, लेकिन हम सच में बराबरी करते हैं. मुझे कभी नहीं लगता, ‘मैं ज्यादा कमा रही हूं और मेरा पति नहीं.’ क्यों? हम बराबर के साथी हैं.”
फराह के माना गया जिम्मेदार
फराह ने बताया कि वे दोनों बहुत खुश हैं, लेकिन शादी के शुरुआती दिनों में कभी-कभी 'अभिमान' वाली स्थिति आ जाती थी. फराह बोलीं, “जब मैं उनके गानों को कोरियोग्राफ करती थी, शॉट खत्म होते ही सब मुझसे फीडबैक की उम्मीद करते थे. यह एक निर्देशक के लिए अच्छा नहीं लगता. इसलिए हमने तय किया कि हम साथ काम नहीं करेंगे. तुम अपना काम करो और मैं अपना.”
फराह ने यह भी बताया कि वह बहुत मिलनसार (एक्स्ट्रोवर्ट) हैं, जबकि शिरीष बिल्कुल उलट. फराह बोलीं,“वह बहुत शांत और अकेले रहने वाले हैं. बहुत कम लोगों से बात करते हैं.” फराह ने कहा कि उन्हें भी इसका असर झेलना पड़ता है, क्योंकि लोगों को शिरीष और उनके भाई साजिद खान की असफलताओं के लिए भी वही जिम्मेदार लगती हैं.
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