Kangana Ranaut की 'नेपोटिज्म' वाली बात को Emraan Hashmi ने बताया गलत, बोले- 'गैंगस्टर में उन्हें लीड रोल मिला था'

इमरान ने कहा, उन्हें नहीं पता इंडस्ट्री में इस तरह का परसेप्शन कब शुरू हुआ और लोग कहने लगे कि 'सब ड्रग एडिक्ट्स हैं'. उन्होंने कहा, 'एक परसेप्शन है कि यहां पर सिर्फ नेपोटिज्म चलता है. मुझे लगता है कि ये बेवकूफाना था, मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई सच्चाई है.'

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'गैंगस्टर' में इमरान हाशमी, कंगना रनौत 'गैंगस्टर' में इमरान हाशमी, कंगना रनौत

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 05 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 10:21 AM IST

बॉलीवुड एक्टर इमरान हाशमी ने अपने करियर में वो फेज देखा है जब आप जनता के बीच एक रियल 'स्टार' माने जाते हैं. बाद में इमरान लाइमलाइट से थोड़ा दूर हुए और उन्होंने अलग तरीके के किरदार और फिल्में चुनना शुरू किया. अब वो जल्दी ही अपनी नई वेब सीरीज 'शो टाइम' के साथ जनता को एंटरटेन करने आ रहे हैं. उनका ये शो फिल्म इंडस्ट्री के अंदर चलने वाले पावर-स्ट्रगल पर फोकस करता है. 

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अपना नया शो प्रमोट कर रहे इमरान ने एक नए इंटरव्यू में बॉलीवुड के अंदर पावर-स्ट्रगल को लेकर चल रही सबसे बड़ी बहस 'नेपोटिज्म' पर खुलकर बात की. इमरान ने कहा कि ये सारी बातें और बहसें कोविड के दौर में ज्यादा आगे बढ़ीं जब इंडस्ट्री को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत नेगेटिव माहौल बना हुआ था. इमरान की को-स्टार रह चुकीं एक्ट्रेस कंगना रनौत ने करण जौहर के शो पर कई साल पहले 'नेपोटिज्म' का मुद्दा उठाया था, जो आज भी बहुत बड़ी बहस बना हुआ है. कंगना के इस स्टैंड पर भी इमरान ने अपनी राय रखी. 

कंगना की 'नेपोटिज्म' वाली बात पर बोले इमरान हाशमी
दैनिक भास्कर के साथ इंटरव्यू दे रहे इमरान ने, कोविड के बाद वाले दौर में इंडस्ट्री को लेकर फैली नेगेटिविटी पर बात की. उन्होंने कहा कि ये चीजें सही नहीं थीं. इमरान बोले, 'वो सही नहीं था. मुझे नहीं पता कि कहां से ये चीजें शुरू हुईं, किसने ये बात शुरू की और एजेंडा क्या था. लेकिन कोविड के बाद बहुत सारी नेगेटिविटी थी. सुशांत का एपिसोड रहा हो या ये पूरा बॉयकॉट बॉलीवुड का ट्रेंड रहा हो.'

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इसी दौर में पहले से चल रही 'नेपोटिज्म' की बहस सोशल मीडिया का सबसे गर्म मुद्दा बनी थी. इस शब्द और फिनोमिना को बहस में लेकर आने वाली अपनी को-स्टार कंगना पर बात करते हुए इमरान ने कहा, 'कंगना को मैं पर्सनली बहुत पसंद करता हूं. एक आर्टिस्ट के तौर पर, एक व्यक्ति के तौर पर. उनका शायद कोई पर्सनल एक्सपीरियंस रहा हो इंडस्ट्री में ऐसा. हमारा एक्सपीरियंस ये था कि मैंने उससे पहले एक हिट दी थी और गैंगस्टर में मैंने ऐसा रोल किया जो ऑलमोस्ट एक विलेन का रोल था, जबकि वो सेंटर-स्टेज थीं, वो लगभग एक फीमेल सेंट्रिक फिल्म थी.' 

'इंडस्ट्री में सबको ड्रग एडिक्ट्स कहना सही नहीं'
इमरान ने आगे कहा कि उन्हें नहीं पता इंडस्ट्री में इस तरह का परसेप्शन कब शुरू हुआ और लोग कहने लगे कि 'सब ड्रग एडिक्ट्स हैं'. उन्होंने कहा, 'एक परसेप्शन है कि यहां पर सिर्फ नेपोटिज्म चलता है. मुझे लगता है कि ये बेवकूफाना था, मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई सच्चाई है.' 

'शो टाइम' में इमरान के साथ नजर आ रहे एक्टर राजीव खंडेलवाल ने कहा कि उन्हें कोविड के टाइम इंडस्ट्री पर चल रही हर बात में एक पॉलिटिकल टोन नजर आ रही थी. उन्होंने कहा, 'कहा जाता है कि ये जनता की आवाज है. ये आवाज रियल जनता से कभी नहीं आती, हमेशा ऐसी ही जगह, ऐसे ही लोगों से क्यों आती है जो नजर नहीं आते.' 

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सबको बराबर मौके मिलने की बात पर राजीव ने कहा कि जब वो कॉलेज में थे तब उन्होंने अखबार में एक्टिंग ऑफर का ऐड देखा था. वो यही सोचकर गए थे कि 'लेना जिसे है वो ले ही लेंगे.' राजीव ने बताया कि जब वो ऑडिशन देने पहुंचे तो वहां पूरी दिल्ली की भीड़ मौजूद थी. मगर उन्हें 4 दिन में सेलेक्ट होने का कॉल आया.

उन्होंने कहा कि अगर अब कोई बोलता है कि 'क्या सबको बराबर मौके मिलते हैं? तो हां, मिलते हैं.' राजीव ने ये भी कहा कि लोग कहते हैं हमें तो पता ही नहीं चलता, और जब वो चीजें नहीं कर पाते तब वो 'विक्टिम कार्ड' निकाल लेते हैं. उनका कहना है कि इंडस्ट्री के अंदर का कोई हो या बाहरी, मौके सभी को बराबर मिलते हैं. 

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