जब फ‍िल्म 'सजा-ए-मौत' हुई थी फ्लॉप, अपनी जान देने को तैयार थे डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा

विधु ने अपनी लाइफ के उस मोमेंट पर बात की है जब उन्होंने '12वीं फेल' की टैगलाइन की तरह, अपनी लाइफ में 'जीरो से रीस्टार्ट' किया था. वो अपनी पहली फिल्म के फ्लॉप होने पर इस कदर मायूस हो गए थे कि ऑलमोस्ट जान देने जा रहे थे.

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फिल्ममेकर विधु विनोद चोपड़ा (फोटो: मंदार देवधर) फिल्ममेकर विधु विनोद चोपड़ा (फोटो: मंदार देवधर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 25 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:00 PM IST

विक्रांत मैसी स्टारर फिल्म '12वीं फेल' ने पिछले साल जनता को बहुत इम्प्रेस किया था. डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा की ये फिल्म बॉलीवुड की तगड़ी सरप्राइज हिट साबित हुई. '12वीं फेल' के बाद बहुत लोगों ने फिर से विधु को रीडिस्कवर किया, जो '1942: अ लव स्टोरी', 'परिंदा', 'करीब' और 'मिशन कश्मीर' जैसी फिल्में बना चुके हैं. अब विधु ने अपनी पहली फिल्म के बारे में बात की है जो बुरी तरह फ्लॉप रही थी. शॉकिंग खुलासा करते हुए विधु ने बताया कि वो अपनी डेब्यू फीचर फिल्म 'सजा-ए-मौत' के फ्लॉप होने के बाद वो जान देने का सोच रहे थे. 

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फिल्म फ्लॉप होने पर जान देने चले थे विधु विनोद चोपड़ा 
विधु ने अपनी लाइफ के उस मोमेंट पर बात की है जब उन्होंने '12वीं फेल' की टैगलाइन की तरह, अपनी लाइफ में 'जीरो से रीस्टार्ट' किया था. वो अपनी पहली फिल्म के फ्लॉप होने पर इस कदर मायूस हो गए थे कि ऑलमोस्ट जान देने जा रहे थे. 

एक चैनल को दिए इंटरव्यू में विधु ने बताया, 'बहुत लोग ये बात नहीं मानते, लेकिन बहुत साल पहले मैं अपनी जान देने के लिए तैयार था. मैं भ्रमित हो गया था. मैं लोनावला हाईवे पर खड़ा था, गुजरते हुए ट्रकों को देख रहा था. मैं मौत से एक कदम दूर था. लेकिन मेरे परिवार और उनके लिए मेरे प्यार ने मुझे रोक लिया.' विधु ने बताया कि ये घटना तब की है जब उनकी पहली फीचर फिल्म 'सजा-ए-मौत' रिलीज हो चुकी थी और वो अपनी अगली फिल्म 'खामोशी' लिख रहे थे. 

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'असली खुशी लड़ते रहने में है' 
आगे विधु ने कहा, 'मुझे जानने वाले लोग ये सोचकर सरप्राइज हो सकते हैं कि मैंने ऐसी बात सोची भी कैसे. लेकिन ये खुलकर बोलना जरूरी है कि ऐसा फील करना नॉर्मल है. आप ऐसे ही पैदा नहीं होते. आप युद्ध लड़ते हैं. कुछ आप जीतते हैं, कुछ आप हार जाते हैं. लेकिन खुशी जीत जाने में नहीं है, लड़ते रहने में है.' 

विधु को दो फिल्मों के बाद, अपनी तीसरी फिल्म 'परिंदा' (1989) से बड़ी कामयाबी मिली. नाना पाटेकर, अनिल कपूर और जैकी श्रॉफ स्टारर इस फिल्म में मुंबई की गैंगस्टर लाइफ को एक ऐसे रियल अंदाज में दिखाया गया था, जैसा मेनस्ट्रीम बॉलीवुड में तबतक नहीं देखा गया था. '1942: अ लव स्टोरी' बड़ी कमर्शियल फिल्म बनी उर आज भी आइकॉनिक मानी जाती है. उन्होंने 'मुन्नाभाई MBBS', '3 इडियट्स', 'पीके' और 'संजू' जैसी फिल्में प्रोड्यूस भी की हैं. 

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