यूपी चुनाव लड़ने का फैसला तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पहले ही कर दिया था. अब खबर है कि वे आजमगढ़ की जगह संभल के गुन्नौर से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. वहीं शिवपाल यादव को जसवंतनगर से उम्मीदवार बनाया जा सकता है.
अब जानकारी के लिए बता दें कि यूपी का संभल जिला पश्चिमी यूपी में पड़ता है और यहां की सियासत में हमेशा से ही समाजवादी पार्टी का दबदबा रहा है. मुलायम सिंह यादव यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं. सपा के रामगोपाल यादव व जावेद अली खान भी यहां से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. ऐसे में अब गुन्नौर सीट से अखिलेश का उतरना बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है.
संभल जिले का सियासी समीकरण भी ऐसा है कि यहां से अखिलेश यादव का उतरना समाजवादी पार्टी को बड़ा फायदा दे सकता है. संभल जिले में करीब 40 फीसदी मुसलमान वोटर है, जबकि शेष हिंदू वोटर है. यहां कुछ इलाकों में यादव भी प्रभावशाली हैं. मुस्लिमों में खासकर तुर्क समाज का वर्चस्व है और सांसद शफीकुर्रहमान बर्क इसी समाज से आते हैं.
वैसे गुन्नौर से अखिलेश यादव का उतरना ये भी बताता है कि वे बीजेपी को सीधी चुनौती देना चाहते हैं. 2017 के चुनाव में इस सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ था. तब बीजेपी के अजीत सिंह उर्फ राजू यादव ने सपा के पूर्व विधायक रामखिलाड़ी यादव को हरा दिया था. लेकिन अब सपा प्रमुख इसी सीट से ताल ठोक सकते हैं. यहां पर ये जानना भी जरूरी है कि अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक बड़ी हिंट दी थी. कहा गया था कि वे सीएम योगी से पहले चुनाव लड़ सकते हैं.
अब योगी क्योंकि गोरखपुर से मैदान में हैं, ऐसे मं वहां वोटिंग छठे चरण में होनी है. लेकिन जब अखिलेश यादव ने उनसे पहले चुनाव लड़ने की बात कही, तो अटकलों का दौर शुरू हो गया. अब खबर है कि वे संभल के गुन्नौर से चुनावी मैदान में दस्तक दे सकते हैं. उनका वहां से उतरना पूरे पश्चिमी यूपी का माहौल बदलने का दमखम रखता है.
कुमार अभिषेक