Bathinda Rural Assembly Seat: बठिंडा ग्रामीण की जनता किसके सिर सजाएगी ताज, कौन करेगा लोगों के दिलों पर राज

Bathinda Rural Assembly Seat: बठिंडा रूरल असेंबली सीट पर 2017 में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार रुपिंदर कौर रूबी (Rupinder Kaur Ruby) ने जीत दर्ज की थी. 2017 चुनाव से पहले इस सीट पर 14 बार चुनाव लड़े गए. लेकिन इन बार यहां सियासी समीकरण क्या इशारा कर रहे हैं. ये जानना दिलचस्प होगा.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

किरणजीत रोमाना

  • बठिंडा,
  • 28 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:56 PM IST
  • पिछले चुनाव में रुपिंदर कौर रूबी जीती थीं
  • पंजाब में चुनाव को लेकर बढ़ी चुनावी सरगर्मी

Bathinda Rural Assembly Seat: पंजाब में विधानसभा चुनाव हैं. सियासी चौसर बिछ चुकी है. यहां कांग्रेस, भाजपा, आम आदमी पार्टी समेत कैप्टन अमरिंदर भी नई पार्टी बनाकर चुनावी अखाड़े में दो-दो हाथ करने की तैयारी में है. ऐसे में बठिंडा रूरल विधानसभा सीट पर सियासी समीकरण क्या इशारा कर रहे हैं. यहां अभी तक चुनावों को लेकर मतदाताओं का मिजाज कैसा रहा है. इस सीट पर 2017 से पहले 14 बार चुनाव हो चुके हैं.

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बठिंडा रूरल असेंबली सीट पर 2017 में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार रुपिंदर कौर रूबी (Rupinder Kaur Ruby) ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (बादल) के उम्मीदवार अमित रतन और कांग्रेस के उम्मीदवार हरविंदर सिंह लाडी को मात दी थी. 2017 चुनाव से पहले इस सीट पर 14 दफे चुनाव लड़े गए. इसमें 5 बार कांग्रेस के खाते में जीत आई जबकि 6 बार शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने चुनाव जीता. एक बार CPI ने तो 2 बार अन्य पार्टियों के खाते में जीत आई.

राजनीतिक पृष्ठभूमि 
बठिंडा रूरल विधानसभा सीट पर 2012  में शिरोमणि अकाली दल (बादल) के दर्शन सिंह जीत का परचम लहराया. इससे पहले 2007 में हुए विधानसभा चुनावों की बात करें तो यहां 2007 में कांग्रेस के खाते में जीत आई थी. बता दें कि 2007 में इस सीट से कांग्रेस के मक्खन सिंह के हिस्से में जीत आई. जबकि 2002 में सीपीआई के गुरजंट सिंह चुनाव जीते थे. बता दें कि बठिंडा रूरल बठिंडा शहर से सटा हुआ है. इस सीट में ज्यादातर गांव और छोटे कस्बे शामिल हैं. बठिंडा जिला की 2011 की जनगणना के अनुसार आबादी 13,88,525 है. इसमें 70.89 फीसदी सिख हैं. जबकि 27.41 फीसदी हिंदू हैं. 1.17 फीसदी मुस्लिम, 0.18 प्रतिशत ईसाई और 0.53 फीसदी दूसरी जाति के लोग हैं. यहां जेंडर रेशो देखें तो 1000 पुरुषों के अनुपात में महिलाओं की संख्या 865 है. लिटरेसी रेट 69.6% है.
 
2017 का जनादेश

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2017 में हुए चुनाव में इस सीट से आम आदमी पार्टी की रुपिंदर कौर रूबी चुनाव जीती थीं. उन्हें 51,572 वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर शिरोमणि अकाली दल (बादल) के उम्मीदवार अमित रतन रहे थे. उन्हें 40,794 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के हरविंदर सिंह को 28,939 वोट मिले थे. बता दें कि बठिंडा रूरल विधानसभा सीट में 1,55,113 वोटर हैं. यह सीट एससी के लिए रिजर्व है.

सामाजिक ताना-बाना
बठिंडा रूरल के ज्यादातर वोटर विकास से बहुत दूर हैं. उनके गांव में सरकारों ने अभी तक मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया नहीं कराई है. सेहत-शिक्षा के क्षेत्र में भी लोग सरकार की कारगुजारी से नाराज हैं. इसके साथ ही नशे को लेकर गांव के लोग खुलेआम बोलते हैं कि नशा इस कदर बिक रहा है कि हमारे नौजवान और बच्चे बर्बाद हो रहे हैं. लेकिन सरकार और पुलिस ऐसे लोगों को रोकने में असमर्थ है. 

विधायक का रिपोर्ट कार्ड
रूपिंदर कौर रूबी आम आदमी पार्टी से चुनाव जीतीं, लेकिन वह लोगों के सपनों पर खरी नहीं उतर सकीं. उन्होंने चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया. इससे वोटरों की उनके प्रति नाराजगी और बढ़ गई है. लोगों का कहना है कि विकास की बात तो छोड़िए, हमारी विधायक हमें चुनाव के बाद छोड़ गईं. बता दें कि विधायक रुपिंदर कौर रूबी (30) बठिंडा शहर की रहने वाली हैं. उनपर कोई भी मामला दर्ज नहीं है. वह पोस्ट ग्रेजुएट हैं.

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