मैनपुरी लोकसभा सीट पर दिलचस्प चुनावी मुकाबला होने की उम्मीद है, इस सीट पर एक ओर जहां समाजवादी पार्टी की टिकट पर डिंपल यादव हैं तो दूसरी ओर बीजेपी ने जयवीर सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. जयवीर सिंह ने डिंपल यादव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन पर डिंपल ने सहानुभूति के सहारे उपचुनाव में जीत हासिल की थी, लेकिन अब समय बीत चुका है. जयवीर सिंह ने कहा कि लोग निर्वाचन क्षेत्र में उनके काम के बारे में पूछ रहे हैं और दावा किया कि उनके पास इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बीजेपी उम्मीदवार ने दावा किया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों के आधार पर लोकसभा चुनाव जीतने को लेकर 100 फीसदी आश्वस्त हैं. हालांकि डिंपल यादव ने कहा कि जो भी यहां से चुनाव लड़ेगा, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा और सपा भारी अंतर से चुनाव जीतेगी.
बता दें कि बीजेपी ने पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को मैनपुरी से अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जहां 7 मई को तीसरे चरण में मतदान होगा. जयवीर सिंह ने बताया कि उन्होंने (डिंपल यादव) मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद पैदा हुई सहानुभूति की लहर पर सवार होकर उपचुनाव जीता था, लेकिन अब समय बीत चुका है और लोग क्षेत्र में विकास कार्य मांग रहे हैं, जिसका मौजूदा सांसद के पास कोई जवाब नहीं है.
उन्होंने कहा कि लोग अपने जीवन और आजीविका को और बेहतर बनाने के लिए डबल इंजन सरकार की मांग कर रहे हैं और हमें भरोसा है कि हम 100 प्रतिशत चुनाव जीतने जा रहे हैं. जयवीर सिंह 2017 में भाजपा में शामिल होने से पहले 2012-17 तक अखिलेश यादव की सरकार के दौरान कांग्रेस और सपा में रहे थे.
डिंपल यादव ने जयवीर सिंह की उम्मीदवारी पर कहा कि बीजेपी को किसी को तो मैदान में उतारना ही था तो कोई भी यहां से आए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. समाजवादी पार्टी भारी अंतर से मैनपुरी सीट जीतने के लिए पूरी तरह तैयार है.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि उनकी पार्टी के लिए कोई राजनीतिक चुनौती है, डिंपल यादव ने कहा कि हमें लोगों का भारी समर्थन, प्यार और आशीर्वाद मिल रहा है. इस बार के नतीजे पिछली बार से कहीं बेहतर होंगे.
डिंपल यादव ने 2022 में मैनपुरी में हुए लोकसभा उपचुनाव जीता था, उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी और भाजपा उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य को 2,88,461 वोटों से हराया था. सपा का गढ़ मानी जाने वाली यह सीट पार्टी संस्थापक और डिंपल यादव के ससुर मुलायम सिंह यादव के पास थी और 10 अक्टूबर को उनके निधन के बाद यह सीट खाली हो गई.
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