एग्जिट पोल के बाद मायावती की बड़ी कार्रवाई, करीबी नेता को दिखाया बाहर का रास्ता

पार्टी ने अपने पुराने सिपहसालार रहे रामवीर उपाध्याय को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसके साथ ही उन्हें पार्टी के मुख्य सचेतक पद से भी हटा दिया गया है.

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बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती (फाइल फोटो-PTI) बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती (फाइल फोटो-PTI)

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 21 मई 2019,
  • अपडेटेड 11:29 AM IST

एग्जिट पोल आने के बाद बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने एक बड़ी कार्रवाई की है. पार्टी ने अपने पुराने सिपाहसलार रहे रामवीर उपाध्याय को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसके साथ ही उन्हें पार्टी के मुख्य सचेतक पद से भी हटा दिया गया है. उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है.

पार्टी महासचिव मेवालाल गौतम ने कहा कि रामवीर उपाध्याय लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधि गतिविधियों में शामिल थे. उन्हें हिदायत दी गई थी, लेकिन रामवीर ने आगरा, फतेहपुर सीकरी, अलीगढ़ समेत कई सीटों पर खड़े किए गए पार्टी प्रत्याशियों का खुलकर विरोध किया और विरोधी पार्टी के प्रत्याशियों का समर्थन किया.

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विधानसभा के मुख्य सचेतक पद से भी छुट्टी

मेवालाल गौतम ने कहा कि रामवीर उपाध्याय को तत्काल पार्टी से निलंबित किया जाता है और विधानसभा में बसपा के मुख्य सचेतक पद से भी हटाया जाता है. साथ ही अब वह पार्टी के किसी भी मीटिंग में न शामिल होंगे और न ही बुलाए जाएंगे.

रामवीर के विरोध से बीजेपी को मिलेगा फायदा?

जिन सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों के विरोध का आरोप रामवीर उपाध्याय पर लगा है, उनमें से अधिकतर सीटें आजतक और एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में बीजेपी के पास जाती दिख रही है. सर्वे में आगरा, फतेहपुर सीकरी, अलीगढ़, हाथरस में बीजेपी सबसे अधिक पॉपुलर पार्टी दिख रही है.

बीजेपी में जाने की थी चर्चा

बीते कई दिनों से रामवीर उपाध्याय के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन वह खुद बसपा नहीं छोड़ना चाहते थे. अगर रामवीर ऐसा करते तो उनकी विधायकी खतरे में पड़ सकती थी. अब माना जा रहा है कि रामवीर उपाध्याय बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.

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पिछले साल बीजेपी में शामिल हुए थे भाई

रामवीर उपाध्याय के भाई मुकुल उपाध्याय पिछले साल बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्हें भाई रामवीर पर बसपा से निकालवाने का आरोप लगाया था. मुकुल ने कहा था कि अलीगढ़ से बसपा का टिकट देने के लिए मायावती ने उनसे पांच करोड़ रुपये मांगे थे.

एग्जिट पोल में सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन को खास फायदा नहीं

आजतक- एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल (Exit Poll) में सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से बीजेपी गठबंधन को 62-68 सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं. जबकि सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन को 10 से 16 सीटें और कांग्रेस को 1 से दो सीटें मिलती हुई दिख रही हैं.

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