'बंगाल में SIR में कोई गड़बड़ी नहीं, वोटर डिलिशन सिर्फ राजनीति' सुप्रीम कोर्ट में ECI का हलफनामा

निर्वाचन आयोग ने बड़े पैमाने पर वोटर डिलीशन के आरोपों को राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित बताते हुए खारिज किया है. आयोग ने कहा कि SIR संवैधानिक और नियमित प्रक्रिया है, आयोग ने कहा कि SIR संवैधानिक और नियमित प्रक्रिया है, जिसमें 99.77% मतदाताओं को फॉर्म दिए गए और 70.14% वापस प्राप्त हुए हैं. वृद्ध, दिव्यांग और संवेदनशील मतदाताओं के लिए विशेष निर्देश भी जारी किए गए हैं.

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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले निर्वाचन आयोग (ECI) ने दिया हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले निर्वाचन आयोग (ECI) ने दिया हलफनामा

संजय शर्मा

  • नई द‍िल्ली,
  • 01 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST

पश्चिम बंगाल में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) पर न‍िर्वाचन आयोग (ECI) ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखी है. SIR को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले निर्वाचन आयोग ने हलफनामा दाखिल करके आरोपों को खारिज किया है. अपने जवाबी हलफनामे में निर्वाचन आयोग ने कहा कि बड़े पैमाने पर वोटर डिलीशन के दावे बेहद बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए गए हैं और इनका इस्तेमाल निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया जा रहा है.

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निर्वाचन आयोग ने कहा कि SIR पूरी तरह संवैधानिक, नियमित और दशकों से चली आ रही प्रक्रिया का हिस्सा है. इस बाबत सुप्रीम कोर्ट के 24 जून और 27 अक्टूबर 2025 को दिए गए आदेश वैध हैं. आयोग ने कहा कि सतत चलने वाली मतदाता सूची निर्माण की प्रक्रिया में अधिकतम शुद्ध यानी साफ-सुथरी और सटीक मतदाता सूची तैयार करना आयोग का संवैधानिक दायित्व है. 

वेस्ट बंगाल में BLO घर-घर जाकर बांट रहे फॉर्म 

इसे सुप्रीम कोर्ट ने टी.एन. शेषन केस (1995) में भी मान्यता दी थी. संविधान के अनुच्छेद 324 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धाराएं 15, 21 और 23 आयोग को विशेष पुनरीक्षण का अधिकार देती हैं. आयोग का दावा है कि 99.77% मौजूदा मतदाताओं को प्री-फील्ड एन्यूमरेशन फॉर्म दिए जा चुके हैं. जबकि उनमें से 70.14% भरे हुए फॉर्म वापस भी मिल चुके हैं. BLO घर-घर जाकर फॉर्म देते और इकट्ठा करते हैं. घर बंद मिले तो तीन बार नोटिस छोड़ना अनिवार्य है. वृद्ध, दिव्यांग और संवेदनशील समूहों के मतदाताओं को परेशानी न हो, इसके लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं.

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