बिहार की सत्ता में वापसी के लिए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने 'हर घर सरकारी नौकरी' देने का वादा किया है. तेजस्वी ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार बनती है तो सत्ता में आने के 20 दिन के भीतर हर परिवार को सरकारी नौकरी देने का एक नया कानून लाएंगे और 20 महीने के अंदर नौकरी मिल जाएगी, जिस पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने तंज कसते हुए महागठबंधन पर निशाना साधा.
तेजस्वी के सरकारी नौकरी वाले वादे का सवाल 'आजतक' के पंचायत कार्यक्रम में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से किया गया तो वो हंसने लगे. इसके बाद उन्होंने बकायदा समझाया कि बिहार में हर परिवार को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है.
दिलीप जायसवाल ने कहा कि तेजस्वी यादव जितने लोगों को सरकारी नौकरी देने की बात कर रहे हैं, उतना तो बिहार का बजट भी नहीं है. इस तरह तेजस्वी यादव सिर्फ अफवाह फैलाकर सत्ता में आना चाहते हैं, लेकिन बिहार की जनता उनके बहकावे में नहीं आएगी.
हर परिवार को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं-बीजेपी
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दिलीप जायसवाल ने कहा कि बिहार में दो करोड़ 70 लाख परिवार हैं. अभी प्रदेश में 18 लाख लोग सरकारी नौकरी करते हैं, जिनकी सैलरी देने में 71 हजार करोड़ रुपये लगता है. तेजस्वी यादव ने जिस तरह से हर परिवार को सरकारी नौकरी देने का वादा किया है, उस लिहाज से 2 करोड़ 70 लाख परिवार को सरकारी नौकरी देना होगा. इस पर 10 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे. अभी सरकारी नौकरी पर जो खर्च हो रहा है, उससे 15 गुना से ज्यादा देना होगा, जबकि बिहार का पूरा बजट 2 लाख करोड़ का है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ और अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में अफवाह फैलाकर जिस तरह से राजनीति की है, उससे मतदाता अब सतर्क हो गए हैं. हर युवा की इच्छा सरकारी नौकरी की होती है, लेकिन सरकारी नौकरी सभी को देना संभव नहीं है. इस बात को हर युवा समझ रहे हैं. बीजेपी की कोशिश सभी को रोजगार देने की है, जिसके लिए एनडीए ने हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया है. इस बात को हम अपने घोषणा पत्र में भी शामिल करेंगे.
सरकारी नौकरी का बहुत स्कोप नहीं है- दिलीप जायसवाल
दिलीप जायसवाल ने कहा कि रोजगार के दो तरीके होते हैं. इसमें पहला है बेहतर रोजगार मिले यानी किसी को अच्छे विकल्प की तलाश है. दूसरा तबका है जो नौकरी जीवन-यापन के लिए करते हैं. एनडीए ने वादा किया है कि हम सभी को रोजगार देने का वादा करते हैं, लेकिन सभी को सरकारी नौकरी देने का स्कोप नहीं है.
वह कहते हैं कि हम एक करोड़ लोगों को रोजगार देने का काम करेंगे, जिसमें महिला कल्याण, युवाओं को रोजगार और विकास के मुद्दे पर काम कर रहे हैं, उसी पर चुनाव लड़ रहे हैं. हम तो महागठबंधन को चुनौती देते हैं कि विकास के मुद्दे पर बहस कर लें.
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