'कोई कन्फ्यूजन नहीं, महागठबंधन जीती तो तेजस्वी ही होंगे CM', कन्हैया कुमार का आया बड़ा बयान

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने दावा किया कि बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार "परिवर्तन की हवा" अधिक तेज है और भाजपा ऑपरेशन सिंदूर को चुनावी मुद्दे के रूप में नहीं उठा रही है क्योंकि उसे पता है कि बिहार के लोग इसका नकारात्मक जवाब देंगे.

Advertisement
कन्हैया की ओर से तेजस्वी यादव को ग्रीन सिग्नल. कन्हैया की ओर से तेजस्वी यादव को ग्रीन सिग्नल.

aajtak.in

  • पटना,
  • 27 जून 2025,
  • अपडेटेड 3:20 PM IST

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने बिहार में महागठबंधन के नेतृत्व पर अहम बयान दिया है. कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार में महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव है और अगर महागठबंधन चुनाव जीतती है तो तेजस्वी यादव ही सीएम बनेंगे. कन्हैया कुमार ने कहा कि इस मामले में कोई कन्फ्यूजन नहीं है. 

हालांकि कन्हैया ने कहा कि चुनाव में मुद्दे सर्वोपरि होंगे. कन्हैया ने कहा है कि गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे का मुद्दा उठाकर ध्यान भटकाने के लिए राजनीतिक विरोधियों द्वारा साजिश रची जा रही है.

Advertisement

कन्हैया कुमार ने दावा किया कि जैसे ही बीजेपी को मौका मिलेगा वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हटाकर उनकी जगह बिहार में अपना नेता स्थापित कर देगी. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपनी पुरानी रणनीति पर चल रही है - पहले किसी क्षेत्रीय पार्टी का समर्थन लेना और फिर "धीरे-धीरे उसे निगल जाना".

बता दें कि इस साल अक्टूबर में बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है. चुनाव से पहले बिहार में जोर आजमाइश हो रही है.

बिहार चुनाव की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें

बिहार विधानसभा की हर सीट का हर पहलू, हर विवरण यहां पढ़ें

पीटीआई के साथ बातचीत में कन्हैया कुमार ने शुक्रवार को कहा कि अगर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में 'महागठबंधन' को बहुमत मिलता है तो मुख्यमंत्री राजद से होगा और उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे, इस पर "कोई कन्फ्यूजन या विवाद" नहीं है.

इस बार परिवर्तन की हवा तेज

Advertisement

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि बिहार में पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार "परिवर्तन की हवा" अधिक तेज है और भाजपा ऑपरेशन सिंदूर को चुनावी मुद्दे के रूप में नहीं उठा रही है क्योंकि उसे पता है कि बिहार के लोग इसका नकारात्मक जवाब देंगे क्योंकि उनका मानना ​​है कि यह देश के सम्मान का मामला है और किसी भी पार्टी को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए.

गौरतलब है कि पिछली बार 2020 में जब बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे तो बालाकोट स्ट्राइक की चर्चा थी. और 2019 में एनडीए प्रचंड बहुत से चुनाव जीतकर सत्ता में आ चुकी थी. इस बार ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र हो रहा है.

इस चुनाव में बीजेपी ने 74 सीटें जीती थीं. जबकि जेडीयू के खाते में 43 सीटें आई थी. तब NDA के घटक दल रहे विकासशील इंसान पार्टी  को 4 सीटें और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को भी 4 सीटें मिली थी. 

वहीं राष्ट्रीय जनता दल 75 सीटें लाकर बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. कांग्रेस को 19 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि वामपंथी दलों को 16 सीटें मिली थी. चुनाव के बाद नीतीश कुमार NDA विधायक दल के नेता चुने गए और वह सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.

Advertisement

क्लच उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि ब्रेक

महागठबंधन की राजनीति को समझाते हुए कन्हैया कुमार ने सीनियर और जूनियर के सवाल को खारिज किया. कन्हैया ने कहा, "यदि आप एक कार को देखें, तो क्लच उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि ब्रेक और रियर व्यू मिरर."

आरजेडी को बड़ी पार्टी स्वीकार करते हुए कन्हैया ने कहा, "यह सच है कि आरजेडी बड़ी पार्टी है, उसके पास अधिक विधायक हैं वह महागठबंधन को नेतृत्व प्रदान करती है, उनके पास विपक्ष के नेता का पद है. स्वाभाविक रूप से यह उनकी जिम्मेदारी है.’’

बिहार में कांग्रेस के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक कन्हैया कुमार ने कहा कि लेकिन महागठबंधन में सभी घटक दलों की अपनी भूमिका है. अब विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी भी इस 'महागठबंधन' का हिस्सा हैं. 
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement