मुर्शिदाबाद में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में 'गोदी सरकार' ने चुनिंदा लोगों के वोट खरीदने के लिए पहले 10 हजार रुपये दिए और चुनाव के बाद बुलडोजर चला दिया. ममता ने लोगों से अपील की कि वे केंद्र की सब्सिडी पर निर्भर न रहें और राज्य सरकार की सामाजिक योजनाओं पर भरोसा करें.
ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि पश्चिम बंगाल में चुनाव से ठीक तीन महीने पहले ही SIR जानबूझकर क्यों लागू किया गया. उन्होंने कहा कि सिर्फ विपक्ष शासित राज्यों को ही इसके लिए निशाना बनाया जा रहा है, जबकि असम और त्रिपुरा जैसे राज्यों में इसे लागू नहीं किया गया.
'बंगाली भाषा बोलने वालों को बनाया जा रहा निशाना'
ममता ने आरोप लगाया कि पूरे देश में बंगाली भाषा बोलने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है और उन्हें जबरन बांग्लादेशी बताया जा रहा है. सोनाली खातून मामले का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि एक गर्भवती महिला को अवैध रूप से बांग्लादेश भेज दिया गया, जिसे वापस लाने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
'SIR के नाम पर डिटेंशन कैंप तैयार किए जा रहे'
उन्होंने पूछा कि बंगाल से इतनी नफरत क्यों और आरोप लगाया कि बीजेपी बंगाल विरोधी है. उन्होंने यह भी दावा किया कि SIR के नाम पर डिटेंशन कैंप तैयार किए जा रहे हैं. ममता ने साफ कहा कि जब तक राज्य का हर व्यक्ति एन्यूमरेशन फॉर्म नहीं भर लेता, तब तक वह खुद भी अपना नाम दर्ज नहीं कराएंगी.
'यह लड़ाई अस्तित्व और पहचान की है'
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी मतुआ समाज, अल्पसंख्यकों और अन्य समुदायों के खिलाफ साजिश कर रही है. ममता ने दावा किया कि बिहार में वोट बैंक को प्रभावित करने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार उतारे गए. उन्होंने लोगों से अपील की कि चुनाव से पहले किसी भी तरह की ब्लैकमेलिंग और साजिश में न फंसें, क्योंकि यह लड़ाई अस्तित्व और पहचान की है.
अनुपम मिश्रा