तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने नई पार्टी का ऐलान कर पश्चिम बंगाल की राजनीति में नया मोर्चा खोल दिया है. सोमवार को बेलडांगा में आयोजित एक जनसभा के दौरान कबीर ने अपनी नई पार्टी 'जनता उन्नयन पार्टी' के गठन का औपचारिक ऐलान किया.
बाबरी के तर्ज पर मस्जिद की नींव रखने के आरोप में निलंबित कबीर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सीधी चुनौती देते हुए दावा किया कि 2026 के विधानसभा चुनाव में TMC को 100 सीटें भी नहीं मिलेंगी. साथ ही हुमायूं कबीर ने ये भी कहा कि इस बार गारंटी ले रहे हैं कि ममता बनर्जी सरकार नहीं बना पाएंगी.
हुमायूं कबीर ने ऐलान किया कि वह खुद मुर्शिदाबाद की दो सीटों- बेलडांगा और रेजीनगर से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वे अब आम आदमी की पहुंच से दूर हो चुकी हैं.
दो हिंदू उम्मीदवारों के नामों का किया ऐलान
उन्होंने मुर्शिदाबाद सीट से हिंदू महिला उम्मीदवार मनीषा पांडेय और कोलकाता की बॉलीगंज सीट से निशा चटर्जी को उम्मीदवार बनाए जाने का भी ऐलान किया, ताकि वे धर्मनिरपेक्ष छवि पेश कर सकें.
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हुमायूं कबीर को 4 दिसंबर को टीएमसी ने निलंबित किया था, जब उन्होंने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद जैसी मस्जिद के निर्माण की घोषणा की थी. 6 दिसंबर को उन्होंने रेजिनगर में मस्जिद की आधारशिला भी रखी, जिससे विवाद और गहरा गया.
फिरहाद हकीम पर विवादित बयान
इस बीच टीएमसी-हुमायूं टकराव व्यक्तिगत आरोपों तक पहुंच गया है. कबीर ने कोलकाता के मेयर और मंत्री फिरहाद हकीम की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके बाद राजनीतिक माहौल और गरमा गया. फिरहाद ने कबीर द्वारा विवादित मस्जिद के निर्माण स्थल के चुनाव पर सवाल उठाया था.
हकीम के पारिवारिक बैकग्राउंड पर हमला करते हुए कबीर उन्हें 'क्रॉस ब्रीड' (मिश्रित मूल) कह डाला. कबीर ने कहा कि फिरहाद के पिता गया (बिहार) के मुस्लिम थे और माँ हिंदू थीं, इसलिए वे ऐसी बातें करते हैं. हालांकि टीएमसी ने अभी तक हुमायूं की नई पार्टी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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बीजेपी का आरोप
वहीं बीजेपी ने आरोप लगाया कि हुमायूं कबीर टीएमसी की “बी-टीम” की तरह काम कर रहे हैं और बीजेपी वोट काटने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी और टीएमसी का रुख बीजेपी ने कबीर की इस नई पार्टी को टीएमसी की 'बी-टीम' करार दिया है. प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार और शमिक भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि कबीर का उद्देश्य केवल बीजेपी के वोटों को बांटना है ताकि टीएमसी की मदद की जा सके.
अनुपम मिश्रा