बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 9 एजेंडों पर मुहर लगी, जिसमें एक प्रस्ताव 'महिला संवाद यात्रा' यात्रा पर होने वाले खर्च से जुड़ा हुआ भी था. अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के पहले नीतीश कुमार महिला मतदाताओं को साधने के लिए बड़ा दांव चलने जा रहे हैं. नीतीश कुमार पूरे बिहार में 'महिला संवाद यात्रा' पर निकलेंगे.
उनकी कैबिनेट में मंगलवार को महिला संवाद कार्यक्रम के आयोजन को मंजूरी दी. इस यात्रा पर कुल 226 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी कैबिनेट ने दी है. राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए जो काम किए हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन पर राज्यभर की महिलाओं से संवाद करेंगे. बिहार में 48 फीसदी वोटर महिलाएं हैं. राजनीति की भाषा में कहें तो महिला मतदाता नीतीश का सॉलिड वोट बैंक हैं.
अपने महिला वोट बैंक पर है जेडीयू की नजर
जेडीयू की नजर महिला वोट बैंक पर है. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए महिला संवाद के बाद सरकार महिलाओं को ध्यान में रखकर नई योजनाओं की शुरुआत की रूपरेखा तय करेगी. बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग को महिला संवाद कार्यक्रम के लिए नोडल विभाग बनाया गया है. हालांकि कैबिनेट के अंदर जो प्रस्ताव लाया गया उसमें नीतीश कुमार की यात्रा का कोई जिक्र नहीं है.
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लेकिन सरकार की तरफ से इसके लिए जिस बड़े पैमाने पर तैयारी की जा रही है, वह इस बात का संकेत है कि नीतीश कुमार बिहार की यात्रा पर निकलने वाले हैं. वह इसके पहले भी सात निश्चय यात्राएं कर चुके हैं, जिसका नोडल विभाग ग्रामीण विकास विभाग ही रहा है. सरकार के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार लंबे अरसे से ऐसी यात्रा पर निकलने का मन बना रहे थे.
अपने सलाहकारों से सलाह-मशविरा करने के बाद नीतीश कुमार ने एक बार फिर जनता के बीच और खासतौर पर महिलाओं के बीच जाने का फैसला किया है. यात्रा का कार्यक्रम अभी जारी नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि नीतीश कुमार बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र (25 से 29 नवंबर) के बाद दिसंबर में अपनी यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं.
नीतीश कुमार अब तक कर चुके हैं 14 यात्राएं
नीतीश कुमार ने 2005 में बिहार चुनाव से ठीक पहले पहली बार राज्य की यात्रा पर निकले थे. उनके इस टूर का नाम न्याय यात्रा था, जिसने लालू यादव की पार्टी राजद की सत्ता से विदाई कर दी थी. नीतीश ने अब तक अलग-अलग वजह और मकसद से बिहार की 14 यात्राएं की हैं. उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले विकास यात्रा की. पार्टी के अच्छा प्रदर्शन करने के बाद जून में धन्यवाद यात्रा पर गए. फिर 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दिसंबर में प्रवास यात्रा की ताकि जतना के सामने अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश कर सकें.
नीतीश ने अप्रैल 2010 में विश्वास यात्रा की. इस चुनाव में जेडीयू 115 सीटें जीतकर बिहार में अपने सबसे शानदार प्रदर्शन तक पहुंची. इस प्रचंड जीत के बाद नीतीश ने 2011 में सेवा यात्रा की, तो 2012 में बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग को लेकर अधिकार यात्रा पर निकले. नीतीश ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले संकल्प यात्रा की, लेकिन उनकी पार्टी जेडीयू को भारी नुकसान हुआ और वह सिर्फ दो सीटें जीत सकी. नीतीश 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बिहार की यात्रा पर निकले.
लोकसभा चुनाव 2014 के झटके से उबरकर नीतीश कुमार ने इस साल नवंबर में संपर्क यात्रा शुरू की और बिहार के हर जिले में पहुंचे. बिहार में 2015 में महागठबंधन सरकार (जदयू, राजद, कांग्रेस और वामद ल) बनने के बाद नीतीश ने सात निश्चय लागू किया और उसका असर देखने 2016 में निश्चय यात्रा पर निकले. फिर 2017 में वह समीक्षा यात्रा, 2019 में जल जीवन हरियाली यात्रा, 2021 में समाज सुधार यात्रा और 2023 में समाधान यात्रा पर निकले थे.
शशि भूषण कुमार