नीट परीक्षा के रिजल्ट को लेकर पूरे देश में परीक्षार्थियों और छात्रों में आक्रोश बना हुआ है. एक तरफ परीक्षाफल घोषित होने के बाद परीक्षार्थी परीक्षा फल को लेकर असंतुष्ट और आक्रोशित हैं. चंदौली में इस मामले पर छात्र-छात्राओं का कहना है कि वो आने वाले दिनों में नीट की परीक्षा देंगे पर इस बात की कोई गारंटी नहीं हैं कि आने वाले दिनों यह परीक्षा भी साफ सुथरी होगी या नहीं. इसके अलावा शिक्षकों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच हो और आने वाले दिनों में इस तरह की घटना ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जाए.
वहीं, नीट परीक्षा को लेकर एनटीए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं की बौछार आ गई है. सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक मेडिकल छात्रों का आंदोलन जारी है. सुप्रीम कोर्ट में नीट परीक्षा को लेकर सुनवाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने और री-एग्जाम के लिए इनकार कर दिया साथ ही अगली सुनवाई में एनटीए का पक्ष भी सुना जाएगा.
नीट के रिजल्ट को लेकर चंदौली में हुआ प्रदर्शन
मेडिकल छात्रों का आरोप है कि नीट परीक्षा में किसी भी स्टूडेंट के 719 या 718 अंक कैसे आ सकते हैं. इसको लेकर एनटीए ने कहा है कि प्रतिपूरक अंकों (Grace Marks) के कारण, दो उम्मीदवारों को 718 और 719 अंक प्राप्त हुए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने री-एग्जाम से किया इनकार
बता दें, साल 2022 में भी ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां देश के कई सेंटरों में छात्रों को गलत पेपर दे दिए गए थे. नीट यूजी 2021 में पूछे गए फिजिक्स के एक प्रश्न को लेकर भी विवाद हुआ था. जिसको लेकर स्टूडेंट्स प्रतिनिधि सुप्रीम कोर्ट चले गए थे. इस प्रश्न में हिंदी और अंग्रेजी अनुवाद में अंतर था. हर बार नीट यूजी परीक्षा में गड़बड़ी होती है, जिसको लेकर कई स्टूडेंट्स कोर्ट का रुख करते हैं.
उदय गुप्ता