आजकल ब्यूटी और स्किनकेयर की दुनिया में अजीब-अजीब चीजों का इस्तेमाल होने लगा है. कभी घोंघे का म्यूसिन, कभी गधे का दूध, तो कभी मधुमक्खी का जहर. इन सबके बाद अब एक और प्रोडक्ट चर्चा में है, घोड़े का तेल. ऐसा माना जाता है कि यह स्किन को गहराई से नमी देता है, बालों को मजबूत बनाता है और झुर्रियों को कम करने में मदद करता है.
घोड़े का तेल आखिर होता क्या है?
घोड़े का तेल, घोड़े के शरीर में मौजूद चर्बी से निकाला जाता है. यह चर्बी आमतौर पर उसके अयाल (गर्दन के बालों के पास), पूंछ के निचले हिस्से और पेट के आसपास पाई जाती है. यह तेल मांस उद्योग का एक बाय-प्रोडक्ट माना जाता है, यानी जब घोड़े के मांस का इस्तेमाल होता है, तब बची हुई चर्बी से यह तेल निकाला जाता है.
कहां इस्तेमाल होता है घोड़े का तेल?
पूर्वी एशिया, खासकर जापान, कोरिया और चीन में घोड़े का तेल काफी समय से इस्तेमाल हो रहा है. जापान में तो घोड़े का मांस (जिसे बासाशी कहा जाता है) भी खाया जाता है, इसलिए वहां घोड़े का तेल आसानी से मिल जाता है. 2010 के बाद जब के-ब्यूटी और जे-ब्यूटी ट्रेंड्स दुनिया भर में लोकप्रिय हुए, तब घोड़े के तेल का क्रेज भी तेजी से बढ़ा. हालांकि अब इसका चलन थोड़ा कम हुआ है, लेकिन यह आज भी बाजार से गायब नहीं हुआ है.
बाजार में इसकी कीमत कैसी होती है?
हांगकांग जैसे शहरों में घोड़े का तेल आम फार्मेसियों और ब्यूटी स्टोर्स में मिल जाता है. साधारण ब्रांड का घोड़ा तेल लगभग 100 हांगकांग डॉलर (करीब 13 अमेरिकी डॉलर) से भी कम कीमत में मिल जाता है. वहीं, प्रीमियम और लग्जरी ब्रांड के घोड़े के तेल की कीमत कई सौ डॉलर तक जा सकती है.
क्यों इसे खास पसंद करते हैं लोग
लोगों का मानना है कि घोड़े का तेल स्किन को गहराई तक मॉइस्चराइज करता है.रूखी और फटी त्वचा को ठीक करता है. बालों को मजबूत और चमकदार बनाता है. झुर्रियों और उम्र के असर को कम करने में मदद करता है. हालांकि, ये फायदे ज्यादातर लोगों के अनुभव पर आधारित हैं. वैज्ञानिक स्तर पर अभी और रिसर्च की जरूरत है.
आपको बता दें कि घोड़े का तेल कोई नया ट्रेंड नहीं है, बल्कि यह सालों से पूर्वी एशिया में इस्तेमाल होता आ रहा है. आज भी यह किफायती प्रोडक्ट से लेकर महंगे ब्यूटी आइटम तक, हर स्तर पर मौजूद है. लेकिन इसे इस्तेमाल करने से पहले यह समझना जरूरी है कि इसके फायदे पूरी तरह वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं हैं, इसलिए किसी भी नए प्रोडक्ट की तरह इसे सोच-समझकर ही अपनाना बेहतर है.
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