पढ़ाई करते समय लगभग हर छात्र के मन में यह सवाल आता है कि सुबह पढ़ना ज्यादा अच्छा है या रात को? कई बार बच्चे घंटों पढ़ते हैं, लेकिन फिर भी परीक्षा के समय सब भूल जाते हैं. ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सही समय और सही तरीके से पढ़ाई की जाए, तो कम मेहनत में भी अच्छा रिजल्ट मिल सकता है.
सुबह का समय क्यों माना जाता है सबसे अच्छा?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक सुबह 4 बजे से 7 बजे तक का समय पढ़ाई के लिए सबसे बेहतर होता है. इस समय दिमाग बिल्कुल फ्रेश होता है, आसपास शोर-शराबा नहीं होता, मन जल्दी फोकस करता है, सुबह पढ़ी हुई बातें लंबे समय तक याद रहती हैं, खासकर थ्योरी वाले सब्जेक्ट, फॉर्मूले, परिभाषाएं, याद करने वाले टॉपिक. इस समय दिमाग नई जानकारी को जल्दी समझता और स्टोर करता है. बच्चों का दिमाग किन समय ज्यादा एक्टिव रहता है?
क्या कहती हैं एक्सपर्ट
साइकोलॉजिकल एक्सपर्ट विंदा सिंहा बताती हैं कि बच्चों का दिमाग सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक एक्टिव होता है. इन समयों में भी काफी एक्टिव रहता है. हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि घर का माहौल कैसा है। अगर बच्चा घर में अच्छा और सुरक्षित महसूस करता है, तो वह किसी भी समय अच्छे से पढ़ सकता है.
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पढ़ाई में मोटिवेशन क्यों जरूरी है?
बच्चों को यह समझना चाहिए कि वे पढ़ाई अपने लिए कर रहे हैं, किसी को दिखाने के लिए नहीं. पढ़ाई ईमानदारी से करेंगे तो खुद पर भरोसा बढ़ेगा. डिसिप्लिन में रहकर पढ़ाई करने से रिजल्ट बेहतर होता है. दिन-रात लगातार पढ़ते रहना भी सही नहीं है. इससे बोरियत आने लगती है. बीच-बीच में ब्रेक और खान-पान भी जरूरी है. पढ़ाई के बीच-बीच में छोटा ब्रेक लें
पढ़ाई के बीच में पानी जरूर पीएं और हल्का और घर का बना खाना खाएं. इससे दिमाग फ्रेश रहता है और याददाश्त मजबूत होती है.
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मोबाइल और ChatGPT पर ज्यादा निर्भरता सही नहीं
साइकोलॉजिकल एक्सपर्ट विंदा सिंहा बताती हैं कि आजकल कई बच्चे सिर्फ मोबाइल या ChatGPT से पढ़ते हैं. लिखने की प्रैक्टिस नहीं करते. इससे मेमोरी कमजोर हो जाती ह. परीक्षा में लिखने में दिक्कत आती है. इसलिए कोशिश करें किताबों से पढ़ें, जो पढ़ा है उसे लिखकर अभ्यास करें. घर पर परीक्षा जैसी प्रैक्टिस करें.
रात की पढ़ाई भी है फायदेमंद
अगर सुबह नहीं पढ़ पाते, तो रात 10 बजे से 12 बजे तक पढ़ाई करना भी अच्छा विकल्प है. इस समय माहौल शांत रहता है, ध्यान जल्दी लगता है. लेकिन इसके बाद पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है, वरना याददाश्त पर असर पड़ सकता है.
दोपहर में पढ़ाई क्यों कठिन होती है?
दोपहर 1 से 4 बजे के बीच शरीर थका हुआ रहता है.नींद आने लगती है. ध्यान जल्दी भटकता है. इस समय भारी टॉपिक की बजाय हल्का रिवीजन करना बेहतर होता है.
एक्सपर्ट की अंतिम सलाह
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हर इंसान का बायोलॉजिकल क्लॉक अलग होता है. इसलिए सबसे जरूरी है कि आप अपने लिए सही समय पहचानें, नियमित पढ़ाई करें और खुद पर भरोसा रखें
सही समय, सही तरीका और ईमानदार मेहनत से ही सफलता मिलती है.
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