मरे कौवे के पास क्यों जमा हो जाते हैं उसके साथी? क्या मरने के बाद भी बनाते हैं संबंध

कौवों की मौत से जुड़े कई किस्से और मान्यताएं आज भी लोगों को उलझन में डाल देती हैं. अक्सर कहा जाता है कि साथी के मरने पर कौवे अजीब तरह के संबंध बनाते हैं या कोई रहस्यमयी रस्म निभाते हैं. तो चलिए जानते हैं सच्चाई.

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 आम धारणा है कि जब कोई कौवा मरता है तो उसके साथी उसके आसपास इकट्ठा होकर शोर मचाते हैं और इसे ‘अंतिम संस्कार’ या किसी तरह के संबंध से जोड़ दिया जाता है. ( Photo: Pixabay) आम धारणा है कि जब कोई कौवा मरता है तो उसके साथी उसके आसपास इकट्ठा होकर शोर मचाते हैं और इसे ‘अंतिम संस्कार’ या किसी तरह के संबंध से जोड़ दिया जाता है. ( Photo: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST

दुनिया के सबसे बुद्धिमान पक्षियों में गिने जाने वाले कौवों को लेकर कई रहस्यमयी मान्यताएं प्रचलित हैं. अक्सर लोग कहते हैं कि “कौवा मर जाए तो उसके साथी उसके पास इकट्ठा होकर अजीब आवाजें करते हैं, मरने के बाद भी उनके बीच किसी तरह का संबंध या रीतिरिवाज होता है. ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि कौवे मृत साथी के साथ संबंध बनाते हैं. यह सिर्फ अफवाह है, जो समय के साथ कहानी की तरह फैल गई. यह सिर्फ अफवाह है, जो समय के साथ कहानी की तरह फैल गई. तो चलिए जानते हैं क्या है इसकी सच्चाई. 

क्या कौवे मरने वाले साथी के पास इकट्ठा होते हैं?
Elephant  Conservation and Care Center के डायरेक्टर बैजूराज के अनुसार, हां यह सच है, कौवे मरने वाले साथी के पास इकट्ठा होते हैं. कौवे किसी एक कौवे की मौत होने पर बड़ी संख्या में उसके आसपास जमा होते हैं. देखने में यह किसी ‘अंतिम संस्कार’ जैसा लगता है, लेकिन इसका असली वैज्ञानिक कारण यह है कि वे उसकी मौत की वजह समझना चाहते हैं.

क्या वे मरने के बाद ‘संबंध’ बनाते हैं?
नहीं. यह पूरी तरह गलत विश्वास है. लोग अक्सर कौवों की भीड़ और आवाजों को गलत समझ लेते हैं. वे मरने वाले कौवे के शरीर को जांचते हैं, लेकिन उससे कोई शारीरिक संबंध नहीं बनाते. ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. उसके आसपास जो कौए होते होते हैं, वे शोर मचाकर अपने साथ के साथी को अलर्ट करते हैं. वे एक तरह का 'DANGER CALL' होता है. 

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कौवों के समूह को क्या कहते हैं?
अंग्रेज़ी में कौवों के समूह (group of crows) को “Murder” कहा जाता है. यह नाम मध्ययुगीन इंग्लैंड से चला आ रहा है. उस समय कौवों को मौत, युद्ध और अशुभ संकेतों से जोड़ा जाता था. उनकी काली रंगत, तेज आवाज और शवों के आसपास दिखने की आदत के कारण लोगों ने उनके समूह को डरावना मान लिया और उसे 'Murder' कहने लगे.

फिर वे ऐसा क्यों करते हैं?
कौवे अविश्वसनीय रूप से बुद्धिमान होते हैं. किसी साथी की मौत उन्हें एक चेतावनी देती है कि उस स्थान पर कोई खतरा हो सकता है- शिकारी, बीमारी, जहर या इंसानी कार्रवाई. इसलिए वे एक तरह की 'जांच बैठक' करते हैं. 

वे किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं?

  • जोर से कांव-कांव
  • पेड़ों पर बैठकर निगरानी
  • कई मिनट तक शरीर के आसपास मंडराना
  • लेकिन, कौवे चेहरे याद नहीं रखते हैं. 

क्या कौवे मरने वाले साथियों को दफनाते हैं?
नहीं, ऐसा वे नहीं करते है. वे एक जगह इक्ट्ठा होते हैं तो लोगों को लगता है कि वे अपने साथी को दफना रहे हैं. लेकिन, ऐसा नहीं है. 

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