जब चौथी बार US President बने रूजवेल्ट, फिर बदल गया अमेरिका का ये नियम

आज का दिन कई मायने में याद रखा जाने वाला दिन है. इतिहास में आज की कई अभूतपूर्व घटनाएं हुईं. ऐसी ही एक घटना अमेरिका के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. जब दूसरे विश्वयुद्ध को झेलने वाले राष्ट्रपति रूजवेल्ट लगातार चौथी बार यूएस के प्रेसिडेंट बने.

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फ्रेंकलीन डी रूजवेल्ट (Getty) फ्रेंकलीन डी रूजवेल्ट (Getty)

सिद्धार्थ भदौरिया

  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:14 AM IST

आज 7 नवंबर है. आज के दिन ही 1944 में अमेरिका के राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डेलानो रूजवेल्ट को अभूतपूर्व चौथे कार्यकाल के लिए चुना गया. एफडीआर एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने दो से अधिक कार्यकाल पूरे किए.

रूजवेल्ट व्यक्तिगत और राजनीतिक चुनौतियों से ऊपर उठकर अमेरिका के सबसे सम्मानित और प्रभावशाली राष्ट्रपतियों में से एक के रूप में उभरे. 1921 में 39 वर्ष की आयु में उन्हें पोलियो हो गया था. एक समय ऐसा आया जब वे व्हीलचेयर तक ही सीमित हो गए.

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1932 में पहली बार चुने गए थे राष्ट्रपति
1932 में पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने से लेकर 1945 के मध्य तक, पद पर रहते हुए उनकी मृत्यु हो गई. रूजवेल्ट ने अमेरिकी इतिहास के दो सबसे बड़े संकटों को झेला. इसमें से एक था 1930 के दशक की महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध. 

महामंदी और दूसरे विश्व युद्ध का करना पड़ा सामना 
रूजवेल्ट ने अमेरिका को महामंदी से बाहर निकालने में मदद करने के लिए कठोर और अक्सर आलोचना किए जाने वाले कानून लागू किए. हालांकि, उन्होंने शुरू में 1939 में शुरू हुए द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका की प्रत्यक्ष भागीदारी से बचने की कोशिश की, लेकिन दिसंबर 1941 में पर्ल हार्बर पर बमबारी ने अमेरिका को युद्ध में धकेल दिया.

चौथा कार्यकाल खत्म होने से पहले हो गया निधन
जब तक रूजवेल्ट अपने चौथे कार्यकाल के लिए चुने गए, तब तक युद्ध मित्र राष्ट्रों के पक्ष में हो चुका था, लेकिन उनका स्वास्थ्य पहले से ही खराब हो रहा था. युद्ध के समय राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने के तनाव से उनकी धमनियां सख्त हो गई थी. अप्रैल 1945 में मित्र देशों की जीत के साथ युद्ध के अंत से ठीक चार महीने पहले  स्ट्रोक से उनकी मृत्यु हो गई.

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रूजवेल्ट के बाद राष्ट्रपति के कार्यकाल को लेकर बदल गया नियम
1947 में जब रूजवेल्ट के उप राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन पद पर थे, कांग्रेस ने एक कानून का प्रस्ताव रखा. इसके अनुसार राष्ट्रपतियों के लिए लगातार दो कार्यकाल ही सीमित होंगे. उस समय तक, राष्ट्रपति या तो स्वेच्छा से जॉर्ज वाशिंगटन के उदाहरण का अनुसरण करते थे, जिसमें अधिकतम दो कार्यकाल पूरे करने की बात कही गई थी, या फिर वे तीसरा कार्यकाल जीतने में असफल होते थे. 

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संविधान में करना पड़ा संशोधन
1912 में, थियोडोर रूजवेल्ट , जिन्होंने अपने अधिकार से चुने जाने से पहले विलियम मैककिनले का कार्यकाल पूरा कर लिया था, फिर से चुनाव के लिए दौड़े, लेकिन हार गए. 1951 में, संविधान में 22वां संशोधन पारित किया गया, जिसने आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति के कार्यकाल को चार-चार साल के दो कार्यकाल तक सीमित कर दिया.

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प्रमुख घटनाएं 

7 नवंबर, 1888 को भारत के महान वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन का जन्म तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था. उन्हें 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.  

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7 नवंबर, 1996 को नासा ने मार्स ग्लोबल सर्वेयर नाम का रोबोटिक अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह पर भेजने के लिए लॉन्च किया था. 

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