भारतीय नौसेना में शामिल होगा पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट DSC A20

भारतीय नौसेना 16 दिसंबर को कोच्चि में पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट DSC A20 कमीशन करेगी. टीटागढ़ रेल सिस्टम्स द्वारा बनाया गया है. कैटामारन डिजाइन है. 390 टन का जहाज है. डाइविंग, अंडरवॉटर इंस्पेक्शन और साल्वेज में मदद करेगा. साउदर्न नेवल कमांड के तहत तैनात होगा.

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ये है DSC A20 डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट. (Photo: ITG) ये है DSC A20 डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट. (Photo: ITG)

मंजीत नेगी / शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:54 PM IST

भारतीय नौसेना को एक नई ताकत मिलने वाली है. 16 दिसंबर 2025 को कोच्चि में DSC A20 नाम का पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट (DSC) नौसेना में शामिल किया जाएगा. ये कार्यक्रम साउदर्न नेवल कमांड के अंतर्गत होगा. मुख्य अतिथि होंगे वाइस एडमिरल समीर सक्सेना, चीफ ऑफ स्टाफ ऑफिसर, साउदर्न नेवल कमांड. ये जहाज नौसेना की डाइविंग और पानी के अंदर की ऑपरेशंस की क्षमता को बहुत बढ़ा देगा.

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DSC A20 क्या है और क्यों खास?

DSC A20 पांच जहाजों की सीरीज का पहला जहाज है. ये सभी जहाज कोलकाता की कंपनी टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL) बना रही है. ये जहाज खास तौर पर तटीय इलाकों में डाइविंग और पानी के नीचे के कामों के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें सबसे आधुनिक डाइविंग सिस्टम लगे हैं, जो सुरक्षा और काम की दक्षता के उच्च मानकों पर खरे उतरते हैं.

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इस जहाज की खासियतें

  • कैटामारन हल फॉर्म: दो हिस्सों वाला डिजाइन, जो जहाज को ज्यादा स्थिरता देता है, डेक का क्षेत्र बड़ा करता है और समुद्र में बेहतर चलता है.
  • वजन: करीब 390 टन.
  • डिजाइन और टेस्टिंग: इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) के नियमों के मुताबिक बनाया गया. विशाखापट्टनम के नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल लेबोरेटरी (NSTL) में हाइड्रोडायनामिक एनालिसिस और मॉडल टेस्टिंग हुई, ताकि परफॉर्मेंस सबसे अच्छी हो.

आत्मनिर्भर भारत की मिसाल

DSC A20 का कमीशनिंग भारत की आत्मनिर्भरता और मेक इन इंडिया की बड़ी कामयाबी है. ये जहाज पूरी तरह स्वदेशी डिजाइन और निर्माण है. भारतीय नौसेना, देसी शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री और राष्ट्रीय रिसर्च संगठनों के बीच शानदार सहयोग का नतीजा है. इससे साबित होता है कि भारत अब स्पेशलाइज्ड और हाई-टेक जहाज खुद बना सकता है.

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नौसेना की ताकत कैसे बढ़ेगी?

DSC A20 के शामिल होने से नौसेना की कई क्षमताएं मजबूत होंगी...

  • डाइविंग सपोर्ट
  • पानी के नीचे इंस्पेक्शन
  • साल्वेज ऑपरेशंस (डूबे जहाजों को निकालना)
  • तटीय इलाकों में ऑपरेशनल डिप्लॉयमेंट
  • ये जहाज कोच्चि में बेस्ड होगा और साउदर्न नेवल कमांड के अंतर्गत काम करेगा. 

ये सिर्फ शुरुआत है. पांच DSC की पूरी सीरीज बनेगी, जो नौसेना को और मजबूत बनाएगी. ऐसे स्वदेशी प्रोजेक्ट्स से भारत की नौसेना दुनिया की सबसे आधुनिक और आत्मनिर्भर फोर्स बन रही है.

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